Labour Death In Delhi
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31 सालों में 1248 लोगों की मौत, आखिर मैनुअल सीवर की सफाई पर बैन के बाद भी क्यों बढ़ रहे ये आंकड़े
- Tuesday March 18, 2025
देश में साल 1993 में पहली बार सीवरों की मैनुअल सफाई और मैला ढोने की प्रथा पर बैन लगाया गया था. इसके 20 साल बाद मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट, 2013 के जरिए इस पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी. इसके बाद भी आए दिन सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मजदूरों की मौत के मामले सामने आते रहे हैं.
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दिल्ली के आनंद विहार की झुग्गी में लगी आग, 3 मजदूरों की जिंदा जलकर मौत
- Tuesday March 11, 2025
Delhi Fire: IGL कंपनी के चार मजदूर रोटरी क्लब ऑफिस के बगल में एक झुग्गी में रहते थे. रोशनी के लिए वे लोग लालटेन जलाते थे. रात के समय अचानक वहां आग लग गई.
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खुफिया विभाग से मिली जानकारी के बाद दिल्ली सरकार हुई सख्त, पुलिस और प्रशासन को दिए ये आदेश
- Saturday May 2, 2020
दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस और जिला प्रशासन को आदेश जारी करते हुए कहा कि जिन इलाकों में प्रवासी मजदूर रहते हैं वहां पर पर्याप्त संख्या में पुलिस चौकी लगाई जाए जिससे इनकी मूवमेंट पर रोक लगाई जा सके. साथ ही राज्यों के बॉर्डर पूरी तरह सील किए जाएं और बॉर्डर से होने वाले सामान की आवाजाही पर भी कड़ी नजर रखी जाए. जिससे यह फंसे हुए लोगों को अवैध रूप से लाने ले जाने का जरिया ना बने.
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हाथ से सफाई करने वालों पर केजरीवाल का आदेश, ‘ऐसे लोगों की पहचान कर सिविल डिफेंस में शामिल करें’
- Tuesday September 25, 2018
- Bhasha
केजरीवाल ने कहा कि अगर संबंधित अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में हाथ से सफाई करने वाले एक भी व्यक्ति की पहचान नहीं होती है और वहां सेप्टिक टैंक या सीवर को साफ करने के दौरान किसी की मौत होती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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मैनहोल में होने वाली मौतों का ज़िम्मेदार कौन?
- Wednesday September 19, 2018
- Ravish Kumar
सरफ़राज़, पंकज, राजा, उमेश और विशाल को आप नहीं जानते होंग. 9 सितंबर 2018 को पश्चिम दिल्ली के कैपिटल ग्रीन डीएलएफ अपार्टमेंट में इन पांचों की सीवर की सफाई करते हुए मौत हो गई. क्या आपको दिल्ली के घिटोरनी इलाके के स्वर्ण सिंह, दीपू, अनिल और बलविंदर याद हैं.
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