Kartik Kumar Shravan Kumar
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आज का श्रवण कुमार : बहंगी में बैठाकर 40 किलोमीटर सफर करते हुए कोर्ट परिसर पहुंचा कार्तिक
- Saturday September 2, 2017
- Reported by: सुशील कुमार महापात्र
भारत में न्याय पाना सिर्फ न्याय व्यवस्था में भरोसा की बात नहीं है इस भरोसे के नाम पर लोग वर्षों से अदालत में चक्कर लगा रहे हैं. मुकदमेबाजी का एक ऐसा खेल है कि कोई भी किसी को फंसा सकता है. जब तक इन्साफ़ मिलता तब तक न्याय पाने वाले का सबकुछ बर्बाद हो चुका होता है. पुलिस की जांच व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है. आज खुद को बेकसूर मानने वाला यह कार्तिक सिंह है. कई सालों से अदालत के चक्कर लगा रहा है. कुछ दिन पहले ऐसा हुआ जब कार्तिक सिंह अपने बूढ़े माँ-बाप को बहंगी (कांवड़) ने बैठाकर 40 किलोमीटर सफर करते हुए ज़िला अदालत पहुंचा. कई लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है. कार्तिक 40 किलोमीटर तक ऐसा चलता गया, लेकिन किसी ने भी कार्तिक को गाड़ी में बैठाकर घर तक नहीं छोड़ा. फिर भी कार्तिक इसके लिए दुखी नहीं है.
- ndtv.in
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आज का श्रवण कुमार : बहंगी में बैठाकर 40 किलोमीटर सफर करते हुए कोर्ट परिसर पहुंचा कार्तिक
- Saturday September 2, 2017
- Reported by: सुशील कुमार महापात्र
भारत में न्याय पाना सिर्फ न्याय व्यवस्था में भरोसा की बात नहीं है इस भरोसे के नाम पर लोग वर्षों से अदालत में चक्कर लगा रहे हैं. मुकदमेबाजी का एक ऐसा खेल है कि कोई भी किसी को फंसा सकता है. जब तक इन्साफ़ मिलता तब तक न्याय पाने वाले का सबकुछ बर्बाद हो चुका होता है. पुलिस की जांच व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है. आज खुद को बेकसूर मानने वाला यह कार्तिक सिंह है. कई सालों से अदालत के चक्कर लगा रहा है. कुछ दिन पहले ऐसा हुआ जब कार्तिक सिंह अपने बूढ़े माँ-बाप को बहंगी (कांवड़) ने बैठाकर 40 किलोमीटर सफर करते हुए ज़िला अदालत पहुंचा. कई लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है. कार्तिक 40 किलोमीटर तक ऐसा चलता गया, लेकिन किसी ने भी कार्तिक को गाड़ी में बैठाकर घर तक नहीं छोड़ा. फिर भी कार्तिक इसके लिए दुखी नहीं है.
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