कावंड़ में मां-बाप को बिठाकर न्याय के लिए 40 किलोमीटर का सफर

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  • प्रकाशित: सितम्बर 01, 2017
भारत में न्याया पाना सिर्फ न्याय व्यवस्था में भरोसे की बात नहीं है. इस भरोसे के नाम पर वर्षों से लोग न्याय के इंतज़ार में लोग अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं. मुकदमेबाज़ी एक ऐसा खेल है कि कोई भी किसी को फंसा सकता है.

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