Kanhaiya Kumar In Bihar
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बिहार: नीतीश कुमार ने कन्हैया की अपने एक सहयोगी के साथ भेंट को लेकर शुरू अटकलों को यह कहकर दिया विराम..
- Wednesday February 17, 2021
- Reported by: भाषा
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘आप तो जानते हैं कि मेरे पास मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी है ऐसे में किसी भी दल के चाहे वह विधायक, पार्षद या सांसद हों मिल सकते हैं. जो भी मिलने आते हैं उन्हें हम समय देते हैं. वह आए थे अपने क्षेत्र की बात को लेकर इसके अलावा कोई बात नहीं.
- ndtv.in
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देश को तय करना होगा, महात्मा गांधी के साथ चलना है या गोडसे के: कन्हैया
- Friday February 28, 2020
- Reported by: IANS
उन्होंने कहा, "आज एक तरफ भगत सिंह और अंबेडकर को मानने वाले लोग हैं तो दूसरी ओर गोडसे को माननेवाले लोग है. इन लोगों ने एक ऐसी टीम बना रखी है जो गोयबल्स को भी फेल कर रही है. इनकी आइटी टीम मोबाइल का इस्तेमाल कर कन्हैया और कामरान को लड़ा रही है." उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें सिर्फ इसपर अडिग रहना है कि एनपीआर भी वापस होने तक हमें आंदोलन जारी रखना है. उन्होंने 'बिहार मांगे रोजगार, नहीं चाहिए एनपीआर' का नारा बुलंद करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा.
- ndtv.in
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बिहार के कटिहार में कन्हैया कुमार के काफिले पर फेंके गए जूते-चप्पल, 'वापस जाओं' के नारे लगे
- Friday February 7, 2020
- Reported by: IANS, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
कन्हैया के काफिले पर यह हमला उस वक्त हुआ, जब वे कटिहार के राजेंद्र स्टेडियम में सभा करने के बाद भागलपुर जा रहे थे. शहीद चौक के पास लोगों ने कन्हैया कुमार के विरोध में पोस्टर दिखाए और आगे बढ़ने पर काफिले पर जूते-चप्पल फेंके. इस दौरान लोगों ने कन्हैया वापस जाओ के नारे भी लगाए.
- ndtv.in
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जन गण मन यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार के काफिले पर बिहार में एक बार फिर हुआ पथराव
- Wednesday February 5, 2020
- Reported by: मनीष कुमार, Edited by: Samarjeet Singh
कन्हैया कुमार की मीडिया टीम ने बताया कि बुधवर को जन गण मन यात्रा के सातवें दिन जब जत्था सुपौल से गुजर रहा था इस दौरान मलिक चौक के पास भाजपा समर्थकों ने काफिले की गाड़ियों पर नारे लगाते हुए पथराव शुरू कर दिया. इस हमले में दो गाड़ियों का शीशा टूट गया. साथ ही कई यात्रियों को चोट आई एवं एक गाड़ी के ड्राइवर का मुंह फुट गया.
- ndtv.in
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आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा- इस सप्ताह तय हो जाएगा, महागठबंधन में किसको मिलेंगी कितनी सीटें
- Wednesday March 13, 2019
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी गठबंधनों में सीटों के बंटवारें को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार के महागठबंधन में सीटों का फार्मूला अपने आखिरी पड़ाव पर है. आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने बताया कि इस हफ्ते के आखिर तक तय हो जाएगा कि गठबंधन में किसके हिस्से में कितनी सीटें आएंगी. आरजेडी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार महागठबंधन में आरजेडी न्यूक्लियस है. इसलिए आरजेडी को सबसे ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.
- ndtv.in
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PM मोदी के खिलाफ 'आपत्तिजनक' बयान देने पर कन्हैया कुमार के खिलाफ मामला दर्ज
- Thursday March 7, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मामला अदालत की रजिस्ट्री में दायर किया गया है और नियत समय पर सुनवाई की जाएगी. कन्हैया कुमार सीपीआई की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. कन्हैया कुमार सीपीआई की टिकट पर बिहार की बेगुसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगें. पूर्व में एआईएसए से जुड़े रहे कन्हैया कुमार पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्हें जेएनयू परिसर में कथित तौर पर भारत-विरोधी नारे लगाने के मामले में हिरासत में लिया गया था.
- ndtv.in
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बिहार में एम्स की घटना के बहाने क्या कन्हैया कुमार को घेरने की तैयारी हो रही ?
- Tuesday October 16, 2018
- Reported by: मनीष कुमार
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (JNU leader Kanhaiya Kumar ) के खिलाफ पटना एम्स में डॉक्टरों से विवाद के बाद मुकदमा दर्ज हुआ है.
- ndtv.in
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बेगूसराय : कन्हैया भरोसे 'पूरब के लेनिनग्राद' में उतरेगी CPI? लेकिन राह इतनी भी नहीं आसान
- Tuesday September 4, 2018
- Written by: मानस मिश्रा
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार सीपीआई की टिकट से बिहार की बेगूसराय सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि अभी तक इस खबर पर पक्की मुहर नहीं लगी है. लेकिन ऐसी चर्चा चल रही है. बिहार के बेगूसराय जिले को कभी 'पूरब का लेनिनग्राद' कहा जाता था. आज भी कई इलाकों में उसके समर्थक उस दौर को याद करते हैं जब बिहार में ऊंची जाति में गिने जाने वाले भूमिहारों ने वामपंथ का झंडा थामकर यहां के 'जमींदारों' के खिलाफ पहली बार मोर्चा खोल दिया था. खास बात यह थी कि जिनके खिलाफ यह मोर्चा खोला गया था वह भी भूमिहार थे, जिनका लाल मिर्च की खेती में एकाधिकार था. इस लड़ाई में जो नेता उभरे चंद्रशेखर सिंह, सीताराम मिश्रा, राजेंद्र प्रसाद सिंह ये सभी भूमिहार समुदाय से आते थे. धीरे-धीरे तेघड़ा और बछवारा विधानसभा सीटें वामपंथ का गढ़ बन गईं और कोई भी लहर इसको भेदने में नाकाम रही.
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बिहार: नीतीश कुमार ने कन्हैया की अपने एक सहयोगी के साथ भेंट को लेकर शुरू अटकलों को यह कहकर दिया विराम..
- Wednesday February 17, 2021
- Reported by: भाषा
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘आप तो जानते हैं कि मेरे पास मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी है ऐसे में किसी भी दल के चाहे वह विधायक, पार्षद या सांसद हों मिल सकते हैं. जो भी मिलने आते हैं उन्हें हम समय देते हैं. वह आए थे अपने क्षेत्र की बात को लेकर इसके अलावा कोई बात नहीं.
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देश को तय करना होगा, महात्मा गांधी के साथ चलना है या गोडसे के: कन्हैया
- Friday February 28, 2020
- Reported by: IANS
उन्होंने कहा, "आज एक तरफ भगत सिंह और अंबेडकर को मानने वाले लोग हैं तो दूसरी ओर गोडसे को माननेवाले लोग है. इन लोगों ने एक ऐसी टीम बना रखी है जो गोयबल्स को भी फेल कर रही है. इनकी आइटी टीम मोबाइल का इस्तेमाल कर कन्हैया और कामरान को लड़ा रही है." उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें सिर्फ इसपर अडिग रहना है कि एनपीआर भी वापस होने तक हमें आंदोलन जारी रखना है. उन्होंने 'बिहार मांगे रोजगार, नहीं चाहिए एनपीआर' का नारा बुलंद करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा.
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बिहार के कटिहार में कन्हैया कुमार के काफिले पर फेंके गए जूते-चप्पल, 'वापस जाओं' के नारे लगे
- Friday February 7, 2020
- Reported by: IANS, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
कन्हैया के काफिले पर यह हमला उस वक्त हुआ, जब वे कटिहार के राजेंद्र स्टेडियम में सभा करने के बाद भागलपुर जा रहे थे. शहीद चौक के पास लोगों ने कन्हैया कुमार के विरोध में पोस्टर दिखाए और आगे बढ़ने पर काफिले पर जूते-चप्पल फेंके. इस दौरान लोगों ने कन्हैया वापस जाओ के नारे भी लगाए.
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जन गण मन यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार के काफिले पर बिहार में एक बार फिर हुआ पथराव
- Wednesday February 5, 2020
- Reported by: मनीष कुमार, Edited by: Samarjeet Singh
कन्हैया कुमार की मीडिया टीम ने बताया कि बुधवर को जन गण मन यात्रा के सातवें दिन जब जत्था सुपौल से गुजर रहा था इस दौरान मलिक चौक के पास भाजपा समर्थकों ने काफिले की गाड़ियों पर नारे लगाते हुए पथराव शुरू कर दिया. इस हमले में दो गाड़ियों का शीशा टूट गया. साथ ही कई यात्रियों को चोट आई एवं एक गाड़ी के ड्राइवर का मुंह फुट गया.
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आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा- इस सप्ताह तय हो जाएगा, महागठबंधन में किसको मिलेंगी कितनी सीटें
- Wednesday March 13, 2019
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी गठबंधनों में सीटों के बंटवारें को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार के महागठबंधन में सीटों का फार्मूला अपने आखिरी पड़ाव पर है. आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने बताया कि इस हफ्ते के आखिर तक तय हो जाएगा कि गठबंधन में किसके हिस्से में कितनी सीटें आएंगी. आरजेडी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार महागठबंधन में आरजेडी न्यूक्लियस है. इसलिए आरजेडी को सबसे ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.
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PM मोदी के खिलाफ 'आपत्तिजनक' बयान देने पर कन्हैया कुमार के खिलाफ मामला दर्ज
- Thursday March 7, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मामला अदालत की रजिस्ट्री में दायर किया गया है और नियत समय पर सुनवाई की जाएगी. कन्हैया कुमार सीपीआई की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. कन्हैया कुमार सीपीआई की टिकट पर बिहार की बेगुसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगें. पूर्व में एआईएसए से जुड़े रहे कन्हैया कुमार पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्हें जेएनयू परिसर में कथित तौर पर भारत-विरोधी नारे लगाने के मामले में हिरासत में लिया गया था.
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बिहार में एम्स की घटना के बहाने क्या कन्हैया कुमार को घेरने की तैयारी हो रही ?
- Tuesday October 16, 2018
- Reported by: मनीष कुमार
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (JNU leader Kanhaiya Kumar ) के खिलाफ पटना एम्स में डॉक्टरों से विवाद के बाद मुकदमा दर्ज हुआ है.
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बेगूसराय : कन्हैया भरोसे 'पूरब के लेनिनग्राद' में उतरेगी CPI? लेकिन राह इतनी भी नहीं आसान
- Tuesday September 4, 2018
- Written by: मानस मिश्रा
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार सीपीआई की टिकट से बिहार की बेगूसराय सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि अभी तक इस खबर पर पक्की मुहर नहीं लगी है. लेकिन ऐसी चर्चा चल रही है. बिहार के बेगूसराय जिले को कभी 'पूरब का लेनिनग्राद' कहा जाता था. आज भी कई इलाकों में उसके समर्थक उस दौर को याद करते हैं जब बिहार में ऊंची जाति में गिने जाने वाले भूमिहारों ने वामपंथ का झंडा थामकर यहां के 'जमींदारों' के खिलाफ पहली बार मोर्चा खोल दिया था. खास बात यह थी कि जिनके खिलाफ यह मोर्चा खोला गया था वह भी भूमिहार थे, जिनका लाल मिर्च की खेती में एकाधिकार था. इस लड़ाई में जो नेता उभरे चंद्रशेखर सिंह, सीताराम मिश्रा, राजेंद्र प्रसाद सिंह ये सभी भूमिहार समुदाय से आते थे. धीरे-धीरे तेघड़ा और बछवारा विधानसभा सीटें वामपंथ का गढ़ बन गईं और कोई भी लहर इसको भेदने में नाकाम रही.
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