Judicial Crisis
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सुप्रीम कोर्ट के भविष्य को लेकर चिंता क्यों?
- Wednesday April 25, 2018
- रवीश कुमार
सुप्रीम कोर्ट का भविष्य क्या होगा, इस पर चर्चा की मांग को लेकर दो वरिष्ठ जज अगर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखें तो क्या यह कोई सामान्य घटना है. सुप्रीम कोर्ट के भविष्य को क्या ख़तरा है, जिसे हम अनदेखा कर रहे हैं. किस भरोसे पर हम अनदेखा कर रहे हैं. हो सकता है कि दोनों जज बढ़ाचढ़ा कर कह रहे हों तब भी क्या इसे अनदेखा कर दिया जाना चाहिए. जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन लोकुर उन चार जजों में शामिल थे, जिन्होंने 12 जनवरी को प्रेस के सामने आकर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं है. न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ख़तरा है. न्यायपालिका नहीं बचेगी तो लोकतंत्र नहीं बचेगा.
- ndtv.in
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CJI के खिलाफ महाभियोग : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बीच में ही यात्रा खत्म कर दिल्ली लौटे, कानूनविदों से विचार-विमर्श
- Sunday April 22, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग संबंधी कांग्रेस तथा अन्य दलों की ओर से दिए गए नोटिस पर संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया. राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार नायडू ने याचिका को स्वीकारने और ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली. समझा जाता है कि नायडू जल्द ही विपक्षी दलों के इस नोटिस पर कोई फैसला करेंगे. उपराष्ट्रपति ने इसके लिए अपनी हैदराबाद की यात्रा बीच में ही समाप्त कर दी.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट का भविष्य क्या होगा, इस पर चर्चा की मांग को लेकर दो वरिष्ठ जज अगर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखें तो क्या यह कोई सामान्य घटना है. सुप्रीम कोर्ट के भविष्य को क्या ख़तरा है, जिसे हम अनदेखा कर रहे हैं. किस भरोसे पर हम अनदेखा कर रहे हैं. हो सकता है कि दोनों जज बढ़ाचढ़ा कर कह रहे हों तब भी क्या इसे अनदेखा कर दिया जाना चाहिए. जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन लोकुर उन चार जजों में शामिल थे, जिन्होंने 12 जनवरी को प्रेस के सामने आकर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं है. न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ख़तरा है. न्यायपालिका नहीं बचेगी तो लोकतंत्र नहीं बचेगा.
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