सुप्रीम कोर्ट का भविष्य क्या होगा, इस पर चर्चा की मांग को लेकर दो वरिष्ठ जज अगर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखें तो क्या यह कोई सामान्य घटना है. सुप्रीम कोर्ट के भविष्य को क्या ख़तरा है, जिसे हम अनदेखा कर रहे हैं. किस भरोसे पर हम अनदेखा कर रहे हैं. हो सकता है कि दोनों जज बढ़ाचढ़ा कर कह रहे हों तब भी क्या इसे अनदेखा कर दिया जाना चाहिए. जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन लोकुर उन चार जजों में शामिल थे, जिन्होंने 12 जनवरी को प्रेस के सामने आकर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं है. न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ख़तरा है. न्यायपालिका नहीं बचेगी तो लोकतंत्र नहीं बचेगा.