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रियल-एस्टेट सेक्टर में नौकरियों की भरमार, एक साल में 86% इजाफा, हायरिंग में सबसे आगे दिल्ली और बेंगलुरु
- Friday May 3, 2024
- Reported by: पूजा भारद्वाज, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
Real Estate Sector Job: इनडीड के आंकड़ों के अनुसार, निर्माण क्षेत्र में 5.05 % हिस्सेदारी के साथ दिल्ली में सबसे अधिक नियुक्तियां देखी गईं, इसके बाद बेंगलुरु (4.68 %) और मुंबई (4.13 प्रतिशत) का स्थान रहा. एर्नाकुलम (2 %), कोच्चि (1.50 %), लखनऊ (1.38 %), और कलीकट (1.25 %) जैसे छोटे शहर नौकरी चाहने वालों की दिलचस्पी बढ़ाने वाले शीर्ष क्षेत्रों में से हैं.
- ndtv.in
-
सिर्फ पांच फीसदी कंपनियां बना रही हैं नौकरियां देने की योजना - निर्माण, बीमा, रीयल एस्टेट में मिलेंगे रोज़गार के अवसर
- Wednesday June 10, 2020
- Reported by: भाषा
कोविड-19 संकट और इसके चलते लागू लॉकडाउन का असर देश की अर्थव्यवस्था, लोगों के रोजगार और कंपनियों की माली हालत पर पड़ा है. ऐसे में अब जबकि देश में आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू होने लगी हैं भविष्य पर नजर रखते हुये आगामी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में मात्र पांच प्रतिशत कंपनियां ही फिलहाल नये लोगों को भर्ती करने की योजना बना रही है. मैनपावर ग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के मुताबिक देश में जुलाई-सितंबर में रोजगार की दिशा और दशा खनन-निर्माण, वित्त, बीमा और रीयल एस्टेट जैसे क्षेत्र तय करेंगे. देश के 695 नियोक्ताओं के बीच किए गए इस सर्वेक्षण में यह रुख सामने आया है.
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रियल-एस्टेट सेक्टर में नौकरियों की भरमार, एक साल में 86% इजाफा, हायरिंग में सबसे आगे दिल्ली और बेंगलुरु
- Friday May 3, 2024
- Reported by: पूजा भारद्वाज, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
Real Estate Sector Job: इनडीड के आंकड़ों के अनुसार, निर्माण क्षेत्र में 5.05 % हिस्सेदारी के साथ दिल्ली में सबसे अधिक नियुक्तियां देखी गईं, इसके बाद बेंगलुरु (4.68 %) और मुंबई (4.13 प्रतिशत) का स्थान रहा. एर्नाकुलम (2 %), कोच्चि (1.50 %), लखनऊ (1.38 %), और कलीकट (1.25 %) जैसे छोटे शहर नौकरी चाहने वालों की दिलचस्पी बढ़ाने वाले शीर्ष क्षेत्रों में से हैं.
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सिर्फ पांच फीसदी कंपनियां बना रही हैं नौकरियां देने की योजना - निर्माण, बीमा, रीयल एस्टेट में मिलेंगे रोज़गार के अवसर
- Wednesday June 10, 2020
- Reported by: भाषा
कोविड-19 संकट और इसके चलते लागू लॉकडाउन का असर देश की अर्थव्यवस्था, लोगों के रोजगार और कंपनियों की माली हालत पर पड़ा है. ऐसे में अब जबकि देश में आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू होने लगी हैं भविष्य पर नजर रखते हुये आगामी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में मात्र पांच प्रतिशत कंपनियां ही फिलहाल नये लोगों को भर्ती करने की योजना बना रही है. मैनपावर ग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के मुताबिक देश में जुलाई-सितंबर में रोजगार की दिशा और दशा खनन-निर्माण, वित्त, बीमा और रीयल एस्टेट जैसे क्षेत्र तय करेंगे. देश के 695 नियोक्ताओं के बीच किए गए इस सर्वेक्षण में यह रुख सामने आया है.
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