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International Day Of Disabled Persons

'International Day Of Disabled Persons' - 2 News Result(s)
  • International Day of Disabled Persons 2025: जानें आखिर क्या है विकलांग होने के कारण, किन बीमारियों का होता है ज्यादा खतरा

    International Day of Disabled Persons 2025: जानें आखिर क्या है विकलांग होने के कारण, किन बीमारियों का होता है ज्यादा खतरा

    International Day of Disabled Persons 2025: देश और दुनिया में हर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया जाता है, ऐसे में आइए जानते हैं भारत में 21 विकलांगताएं क्या हैं और विकलांग होने के क्या कारण है.

  • विशेष तौर पर सक्षम लोगों से समाज का सलूक कैसा

    विशेष तौर पर सक्षम लोगों से समाज का सलूक कैसा

    तीन दिसंबर को International Day of Persons with Disabilities के तौर पर मनाया जाता है. 1992 में संयुक्त राष्ट्र ने यह दिन इसलिए तय किया था ताकि इसके बहाने आम लोगों और सरकारों के बीच अलग से शारीरिक और मानसिक तौर पर सक्षमता को लेकर समझ बने और उनके हिसाब से अधिकारों की समझ समाज में बने. ताकि अगर जब हम देखें कि कोई इमारत, कोई सड़क या बाज़ार या दफ्तर इस लिहाज़ से न हो तो पहला सवाल ये दिमाग में आए कि इसका न होना, संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है. कुछ दिन पहले मैं कैलिफोर्निया गया था. वहां के मांटेरे में एक पब्लिक बस देखी. मैं हैरान हो गया पूरी प्रक्रिया को देखकर.

'International Day Of Disabled Persons' - 2 News Result(s)
  • International Day of Disabled Persons 2025: जानें आखिर क्या है विकलांग होने के कारण, किन बीमारियों का होता है ज्यादा खतरा

    International Day of Disabled Persons 2025: जानें आखिर क्या है विकलांग होने के कारण, किन बीमारियों का होता है ज्यादा खतरा

    International Day of Disabled Persons 2025: देश और दुनिया में हर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया जाता है, ऐसे में आइए जानते हैं भारत में 21 विकलांगताएं क्या हैं और विकलांग होने के क्या कारण है.

  • विशेष तौर पर सक्षम लोगों से समाज का सलूक कैसा

    विशेष तौर पर सक्षम लोगों से समाज का सलूक कैसा

    तीन दिसंबर को International Day of Persons with Disabilities के तौर पर मनाया जाता है. 1992 में संयुक्त राष्ट्र ने यह दिन इसलिए तय किया था ताकि इसके बहाने आम लोगों और सरकारों के बीच अलग से शारीरिक और मानसिक तौर पर सक्षमता को लेकर समझ बने और उनके हिसाब से अधिकारों की समझ समाज में बने. ताकि अगर जब हम देखें कि कोई इमारत, कोई सड़क या बाज़ार या दफ्तर इस लिहाज़ से न हो तो पहला सवाल ये दिमाग में आए कि इसका न होना, संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है. कुछ दिन पहले मैं कैलिफोर्निया गया था. वहां के मांटेरे में एक पब्लिक बस देखी. मैं हैरान हो गया पूरी प्रक्रिया को देखकर.