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'Holi Blog' - 3 News Result(s)
  • होली का ये भी रंग, संस्कृति को सहेजता नैनीताल

    होली का ये भी रंग, संस्कृति को सहेजता नैनीताल

    कुमाऊं में होली के दो प्रचलित स्वरूप पर 'रंग डारि दियौ हो अलबेलिन में' नाम की किताब में विश्वम्भर नाथ साह 'सखा' लिखते हैं कुमाऊं में होली के दो प्रचलित स्वरूप हैं, एक ग्रामीण अंचल की होली, जिसे खड़ी होली कहते हैं. दूसरी नागर होली, जिसे शहरी क्षेत्रों में बैठ होली कहते हैं.

  • जोगीरा सारारारा : भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधि पर्व

    जोगीरा सारारारा : भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधि पर्व

    ऐसा लगता है कि भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व अगर कोई त्योहार सबसे अधिक करता है, तो वह होली है. यह भारत की विविधता को स्वीकारने का बड़ा उत्सव है. अलग-अलग रंग, सब मिलकर एक.

  • कमाल की बात : ''मदीने में मनाई होली...''

    कमाल की बात : ''मदीने में मनाई होली...''

    सूफ़ी फ़क़ीर शाह नियाज़ लिखते हैं ,”होली होय रही है अहमद जियो के द्वार…हज़रत अली का रंग बनो है, हसन-हुसैन खिलाड़….'' उनके कलाम में तो पैगंबर मोहम्मद साहिब के नवासे हसन और हुसैन रंग खेल रहे हैं. और गुज़रे ज़माने की गायिका गौहर जान ने तो गाया है …”मेरे हज़रत ने मदीने में मनाई होली” होली को लेकर इससे बड़ी बात क्या हो सकती है.

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  • होली का ये भी रंग, संस्कृति को सहेजता नैनीताल

    होली का ये भी रंग, संस्कृति को सहेजता नैनीताल

    कुमाऊं में होली के दो प्रचलित स्वरूप पर 'रंग डारि दियौ हो अलबेलिन में' नाम की किताब में विश्वम्भर नाथ साह 'सखा' लिखते हैं कुमाऊं में होली के दो प्रचलित स्वरूप हैं, एक ग्रामीण अंचल की होली, जिसे खड़ी होली कहते हैं. दूसरी नागर होली, जिसे शहरी क्षेत्रों में बैठ होली कहते हैं.

  • जोगीरा सारारारा : भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधि पर्व

    जोगीरा सारारारा : भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधि पर्व

    ऐसा लगता है कि भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व अगर कोई त्योहार सबसे अधिक करता है, तो वह होली है. यह भारत की विविधता को स्वीकारने का बड़ा उत्सव है. अलग-अलग रंग, सब मिलकर एक.

  • कमाल की बात : ''मदीने में मनाई होली...''

    कमाल की बात : ''मदीने में मनाई होली...''

    सूफ़ी फ़क़ीर शाह नियाज़ लिखते हैं ,”होली होय रही है अहमद जियो के द्वार…हज़रत अली का रंग बनो है, हसन-हुसैन खिलाड़….'' उनके कलाम में तो पैगंबर मोहम्मद साहिब के नवासे हसन और हुसैन रंग खेल रहे हैं. और गुज़रे ज़माने की गायिका गौहर जान ने तो गाया है …”मेरे हज़रत ने मदीने में मनाई होली” होली को लेकर इससे बड़ी बात क्या हो सकती है.