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Gond Paintings

'Gond Paintings' - 2 News Result(s)
  • गोंड कला - रंगों में सांस लेती परंपरा

    गोंड कला - रंगों में सांस लेती परंपरा

    गोंड कलाकृतियों में आदिवासी लोकसंस्कृति की धुन, विशेषकर उसका संगीत, आचरण, कथाएं और सामुदायिक उत्सवों की गूंज रंगों और आकृतियों के माध्यम से आधुनिक कलाओं के मध्य बीसवीं सदी की गोंड परम्परा का निर्वाह उच्च प्रतीकों द्वारा साकार कर रही है.

  • महुआ की छाया में पलती गोंड चित्रकला

    महुआ की छाया में पलती गोंड चित्रकला

    मार्च-अप्रैल के महीनों में, जब फागुन के फूल बहार में हों, गोंड जनजाति की महिलाएं अक्सर एक पेड़ के नीचे हजारों की संख्या में बिखरे पड़े मनमोहक फूलों को बीनती हुई मिलेंगी. यह पेड़ इनके लिए रोजगार का साधन भी है, आराधना योग्य भगवान भी और सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इनके जीवन को सजाती और संवारती चली आ रही है. यह विशेष वृक्ष है महुआ, जिसे गोंड आदिवासी “Elixir of Life” या जीवनदायिनी मानते हैं.

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  • गोंड कला - रंगों में सांस लेती परंपरा

    गोंड कला - रंगों में सांस लेती परंपरा

    गोंड कलाकृतियों में आदिवासी लोकसंस्कृति की धुन, विशेषकर उसका संगीत, आचरण, कथाएं और सामुदायिक उत्सवों की गूंज रंगों और आकृतियों के माध्यम से आधुनिक कलाओं के मध्य बीसवीं सदी की गोंड परम्परा का निर्वाह उच्च प्रतीकों द्वारा साकार कर रही है.

  • महुआ की छाया में पलती गोंड चित्रकला

    महुआ की छाया में पलती गोंड चित्रकला

    मार्च-अप्रैल के महीनों में, जब फागुन के फूल बहार में हों, गोंड जनजाति की महिलाएं अक्सर एक पेड़ के नीचे हजारों की संख्या में बिखरे पड़े मनमोहक फूलों को बीनती हुई मिलेंगी. यह पेड़ इनके लिए रोजगार का साधन भी है, आराधना योग्य भगवान भी और सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इनके जीवन को सजाती और संवारती चली आ रही है. यह विशेष वृक्ष है महुआ, जिसे गोंड आदिवासी “Elixir of Life” या जीवनदायिनी मानते हैं.

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