Goddess Of Justice
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न्याय की देवी के नए प्रतीक: कहां हुआ था लेडी ऑफ जस्टिस का जन्म, कहां से आई भारत? जानिए सब कुछ
- Wednesday October 16, 2024
न्याय सबके लिए है और न्याय की देवी के सामने सभी बराबर हैं. इस दार्शनिक सिद्धांत की प्रतीक न्याय की देवी (Lady of Justice) भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों की अदालतों, कानून से जुड़े संस्थानों में सदियों से मौजूद है. आंखों पर पट्टी बांधे, एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार लिए न्याय की देवी के प्रतीकों में भारत में बदलाव की पहल की गई है. न्याय की देवी की आंखों की पट्टी खोल दी गई है और उनके एक हाथ में तलवार की जगह संविधान आ गया है. हम आपको बताते हैं कि न्याय की देवी का क्या अर्थ है, इसमें क्या संदेश और प्रतीक हैं? न्याय की देवी का जन्म कहां हुआ और इसे दुनिया भर में क्यों अपना लिया गया?
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अब कानून अंधा नहीं रहेगा, जानिए हाल के सालों में देश में अंग्रेजों के जमाने का क्या-क्या बदला?
- Wednesday October 16, 2024
British Era Symbols Changed: हाल के सालों में भारत गुलामी की मानसिकता से निकलते हुए नई सोच पर चल पड़ा है. कानून की आंखों पर बंधी पट्टी हट चुकी है. जानिए और क्या-क्या हटा...
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Exclusive: उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की रिपोर्ट में 'न्याय की देवी' की आंखों पर पट्टी क्यों नहीं?
- Friday February 2, 2024
उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा सामने आया है. NDTV को मिलीं इस मसौदा रिपोर्ट के कवर की एक्सक्लूसिव तस्वीरों में इस संहिता का आशय स्पष्ट हो रहा है. मसौदा रिपोर्ट के मुख पृष्ठ पर न्याय की देवी की तस्वीर है. बड़ी बात यह है कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी नहीं बंधी है. इसका संदेश यह है कि कानून अब सबको समान नजरों से देखेगा.
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उसका फिर बरी होना : अब तो न्याय की देवी को देखना चाहिए
- Wednesday January 18, 2017
- Vinod Verma
भारत की जनता को दो फैसले लेने चाहिए. एक, न्याय की देवी की जो मूर्तियां अदालतों के सामने लगी हैं, उनकी आंखों से पट्टी को अब खोल दिया जाए, जिससे वे सच को सच की तरह देख सकें, दूसरे, उसके हाथ में जो तलवार है, उसे छीन लिया जाए, जिससे वह तराजू के किसी पलड़े में रखे पैसों को दूर फेंक सके.
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