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Expensive Cooking Gas

'Expensive Cooking Gas' - 3 News Result(s)
  • क्या महंगाई के सपोर्टरों ने महंगाई की बहस जीत ली है?

    क्या महंगाई के सपोर्टरों ने महंगाई की बहस जीत ली है?

    ICMR की एक रिपोर्ट है कि वायु प्रदूषण से भारत में हर साल करीब 16 लाख लोग मर जाते हैं. हर मिनट में तीन से अधिक लोगों की मौत होती है. दिल्ली की यह हवा नहीं समझने वालों की राजनीतिक और धार्मिक जीत है.

  • किससे ज्‍यादा परेशान हैं? महंगाई से या महंगाई के समर्थक से?

    किससे ज्‍यादा परेशान हैं? महंगाई से या महंगाई के समर्थक से?

    किसी दौर में यह बात रही होगी कि महंगाई के सभी विरोधी होते होंगे, लेकिन इस दौर में यह बात सही नहीं है. महंगाई चाहे जितनी बढ़ गई हो लेकिन यह मानना ग़लत है कि सभी एक स्वर से महंगाई के विरोध में है. परेशान सभी हो सकते हैं मगर विरोधी सभी नहीं हैं. यह एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन है.

  • घटी जीडीपी बढ़ी बताए, महंगी रसोई गैस से नजर चुराए

    घटी जीडीपी बढ़ी बताए, महंगी रसोई गैस से नजर चुराए

    बेहतर है सब समय रहते हेडलाइन का खेल समझ जाएं वर्ना इस हेडलाइन के पीछे की डेडलाइन सबके लिए ख़तरनाक साबित होगी. मान लीजिए आपके 100 रुपये में से 20 परसेंट डूब गए. एक साल बाद इस बाकी बचे 80 रुपये का 20 या 21 परसेंट वापस आ गया तो क्या इसे लाभ कह सकते हैं? जितना डूबा था उतना भी तो वापस नहीं आया. अगर इसे लाभ कहने की ज़िद पर आ ही गए हैं तो लगे हाथ नुकसान को मुनाफा घोषित कर दीजिए. कम से कम हिन्दी प्रदेशों में ज़्यादातर लोग मान लेंगे क्योंकि यहां लाखों बच्चे दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में गणित में फेल हो जाते हैं. जो पास होते हैं उसमें भी ज़्यादातर खींच खांच कर नंबर लाते हैं. गणित का ऐसा आतंक है कि ट्यूशन से लेकर कोचिंग तक पर मां-बाप लाखों रुपये खर्च कर देते हैं. हिन्दी के अखबार अप्रैल से जून 2021 की जीडीपी 20 प्रतिशत बताते हुए दमदार प्रदर्शन कह रहे हैं. उम्मीद है इसके लिए भी धन्यवाद मोदी जी का पोस्टर लगने लगेगा.

'Expensive Cooking Gas' - 3 News Result(s)
  • क्या महंगाई के सपोर्टरों ने महंगाई की बहस जीत ली है?

    क्या महंगाई के सपोर्टरों ने महंगाई की बहस जीत ली है?

    ICMR की एक रिपोर्ट है कि वायु प्रदूषण से भारत में हर साल करीब 16 लाख लोग मर जाते हैं. हर मिनट में तीन से अधिक लोगों की मौत होती है. दिल्ली की यह हवा नहीं समझने वालों की राजनीतिक और धार्मिक जीत है.

  • किससे ज्‍यादा परेशान हैं? महंगाई से या महंगाई के समर्थक से?

    किससे ज्‍यादा परेशान हैं? महंगाई से या महंगाई के समर्थक से?

    किसी दौर में यह बात रही होगी कि महंगाई के सभी विरोधी होते होंगे, लेकिन इस दौर में यह बात सही नहीं है. महंगाई चाहे जितनी बढ़ गई हो लेकिन यह मानना ग़लत है कि सभी एक स्वर से महंगाई के विरोध में है. परेशान सभी हो सकते हैं मगर विरोधी सभी नहीं हैं. यह एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन है.

  • घटी जीडीपी बढ़ी बताए, महंगी रसोई गैस से नजर चुराए

    घटी जीडीपी बढ़ी बताए, महंगी रसोई गैस से नजर चुराए

    बेहतर है सब समय रहते हेडलाइन का खेल समझ जाएं वर्ना इस हेडलाइन के पीछे की डेडलाइन सबके लिए ख़तरनाक साबित होगी. मान लीजिए आपके 100 रुपये में से 20 परसेंट डूब गए. एक साल बाद इस बाकी बचे 80 रुपये का 20 या 21 परसेंट वापस आ गया तो क्या इसे लाभ कह सकते हैं? जितना डूबा था उतना भी तो वापस नहीं आया. अगर इसे लाभ कहने की ज़िद पर आ ही गए हैं तो लगे हाथ नुकसान को मुनाफा घोषित कर दीजिए. कम से कम हिन्दी प्रदेशों में ज़्यादातर लोग मान लेंगे क्योंकि यहां लाखों बच्चे दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में गणित में फेल हो जाते हैं. जो पास होते हैं उसमें भी ज़्यादातर खींच खांच कर नंबर लाते हैं. गणित का ऐसा आतंक है कि ट्यूशन से लेकर कोचिंग तक पर मां-बाप लाखों रुपये खर्च कर देते हैं. हिन्दी के अखबार अप्रैल से जून 2021 की जीडीपी 20 प्रतिशत बताते हुए दमदार प्रदर्शन कह रहे हैं. उम्मीद है इसके लिए भी धन्यवाद मोदी जी का पोस्टर लगने लगेगा.