Elite Thought
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'Elite Thought' - 1 News Result(s)
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बाबा की याद : घिन तो नहीं आती है?' यह नागार्जुन ही पूछ सकते थे...
- Thursday June 30, 2016
- Dharmendra Singh
'समता के असली मुद्दे की पहचान' यही नागार्जुन की कविताओं की खोज है। यही हम सभी की खोज है उनकी कविताओं में चुटीला व्यंग है। कबीर के बाद जो व्यंग गद्य में परसाईं जी के लेखों में विद्यमान है, वही कविता में नागार्जुन के यहाँ मौजूद है।
- ndtv.in
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बाबा की याद : घिन तो नहीं आती है?' यह नागार्जुन ही पूछ सकते थे...
- Thursday June 30, 2016
- Dharmendra Singh
'समता के असली मुद्दे की पहचान' यही नागार्जुन की कविताओं की खोज है। यही हम सभी की खोज है उनकी कविताओं में चुटीला व्यंग है। कबीर के बाद जो व्यंग गद्य में परसाईं जी के लेखों में विद्यमान है, वही कविता में नागार्जुन के यहाँ मौजूद है।
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