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Economic Value

'Economic Value' - 2 News Result(s)
  • देश की जीडीपी का 7 प्रतिशत तक हो सकता है गृहणियों के श्रम का आर्थिक मूल्य

    देश की जीडीपी का 7 प्रतिशत तक हो सकता है गृहणियों के श्रम का आर्थिक मूल्य

    घरों में करोड़ों गृहणियां (Housewives) जो अवैतनिक श्रम करती हैं, उनके श्रम का आर्थिक मूल्य जीडीपी का 7 प्रतिशत तक हो सकता है. उद्योग संघ फिक्की लेडीस आर्गनाइजेशन (FICCI Ladies Organization) की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने NDTV से बातचीत में यह अहम बात कही. फिलहाल घरों में गृहणियों द्वारा किए गए काम को औपचारिक तौर पर श्रम के रूप में नहीं पहचाना जाता है. इसे GDP के आकलन में भी शामिल नहीं किया जाता है.

  • "लोकतंत्र बड़े मूल्य को सामने लाता है" : चीन और सप्लाई चेन पर पीयूष गोयल

    "लोकतंत्र बड़े मूल्य को सामने लाता है" : चीन और सप्लाई चेन पर पीयूष गोयल

    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए चीन को लेकर एक सूक्ष्म संकेत दिया. पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अगले तीन से चार वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, यह कोई आसान काम नहीं है और लोकतंत्र बड़े मूल्य को सामने लाता है. 

'Economic Value' - 2 News Result(s)
  • देश की जीडीपी का 7 प्रतिशत तक हो सकता है गृहणियों के श्रम का आर्थिक मूल्य

    देश की जीडीपी का 7 प्रतिशत तक हो सकता है गृहणियों के श्रम का आर्थिक मूल्य

    घरों में करोड़ों गृहणियां (Housewives) जो अवैतनिक श्रम करती हैं, उनके श्रम का आर्थिक मूल्य जीडीपी का 7 प्रतिशत तक हो सकता है. उद्योग संघ फिक्की लेडीस आर्गनाइजेशन (FICCI Ladies Organization) की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने NDTV से बातचीत में यह अहम बात कही. फिलहाल घरों में गृहणियों द्वारा किए गए काम को औपचारिक तौर पर श्रम के रूप में नहीं पहचाना जाता है. इसे GDP के आकलन में भी शामिल नहीं किया जाता है.

  • "लोकतंत्र बड़े मूल्य को सामने लाता है" : चीन और सप्लाई चेन पर पीयूष गोयल

    "लोकतंत्र बड़े मूल्य को सामने लाता है" : चीन और सप्लाई चेन पर पीयूष गोयल

    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए चीन को लेकर एक सूक्ष्म संकेत दिया. पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अगले तीन से चार वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, यह कोई आसान काम नहीं है और लोकतंत्र बड़े मूल्य को सामने लाता है.