Corona Situation In Bihar
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कोरोना जांच को लेकर नीतीश पर भड़के तेजस्वी, बोले- अप्रोच बदलिए वरना साफ दिख रहा है तबाही का मंजर
- Wednesday April 28, 2021
- Reported by: मनीष कुमार, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
बिहार में कोविड हालातों को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश के लिए एक के बाद एक कई ट्वीट कर मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की है. साथ ही उन्होंने कोरोना के प्रति नीतीश सरकार के व्यवहार को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया है. तेजस्वी ने लिखा कि कोरोना के केस लोड कम दिखाने के चक्कर में आप बिहार का नुकसान कर रहे हैं, राज्य में वायरस की चेन तेजी से बढ़ रही है.
- ndtv.in
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नहीं थम रहा कोरोना का कहर : कई जगह रिकॉर्ड मामले, राजस्थान, बिहार सहित कई राज्यों ने बढ़ाई सख्ती
- Monday April 19, 2021
- Reported by: भाषा
भारत में कोरोना वायरस का कहर कम होता नहीं दिख रहा है. रोजाना नए मामले 2 लाख से ऊपर सामने आ रहे हैं. कोविड-19 से जान गंवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. रविवार के आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए हैं. ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए कई राज्यों में और ज्यादा सख्ती की गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे राज्य में 19 अप्रैल से तीन मई की सुबह पांच बजे तक जन अनुशासन पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है. वहीं. बिहार में पूरे प्रदेश में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ़्यू लगाने, स्कूल और कॉलेज 15 मई तक बंद रखे जाने का फैसला किया गया है.
- ndtv.in
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क्या बिहार में कोरोना की विस्फोटक स्थिति के लिए CM नीतीश कुमार जिम्मेदार? इन 10 कारणों से समझिए
- Sunday July 19, 2020
- Reported by: मनीष कुमार, Edited by: पवन पांडे
कोरोना वायरस (coronavirus) से बिहार में स्थिति दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं. इसका अंदाज़ा आप तीन बातों से लगा सकते हैं. पहला हर दिन जांच की संख्या और पॉज़िटिव पाए जाने वाले मरीज़ों का प्रतिशत लगभग पंद्रह प्रतिशत से ऊपर है. हालांकि राज्य सरकार के तरफ़ से इस आंकड़े को हर दिन उलट-पलट कर पेश किया जाता है ताकि लोगों में भ्रम बना रहे. दूसरा, जांच की क्या गति है- कई जिलो में सैम्पल जांच के अभाव में या ख़राब हो जाते हैं या जांच की रिपोर्ट तीन से पांच दिन में आती हैं. तीसरी राज्य में मुख्य राजनीतिक दल भाजपा के दफ़्तर को इसलिए सील करना पड़ा क्योंकि वहां 70 से अधिक व्यक्ति संक्रमित पाये गये और खुद उनके राज्य इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल फ़िलहाल पॉज़िटिव पाये जाने पर अस्पताल में भर्ती हैं. यही नहीं, बिहार सरकार का कोई भी, किसी भी स्तर का अधिकारी हो, मंत्री हो या अन्य दल के नेता कोई भी बिहार सरकार के अस्पताल में अपना इलाज नहीं कराना चाहते बल्कि सब एम्स पटना में अपनी पहुंच और पद के आधार पर भर्ती हो रहे हैं, जो यह साबित करता है कि बिहार की स्वास्थ्य सेवा और अस्पताल की हालत कितनी ख़राब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सम्बंधी के इलाज लिए भी AIIMS पटना जाना बेहतर समझते हैं. इस बीच, यह सवाल उठता है कि क्या कारण है कि आख़िर केंद्र को अपनी विशेष टीम रविवार को पटना भेजनी पड़ी और वर्तमान स्थिति के लिए आख़िर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैसे दोषी हैं. उनके ऊपर हर दिन विपक्ष जो आरोप लगाता है आख़िर वो कितना जायज़ है.
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कोरोना जांच को लेकर नीतीश पर भड़के तेजस्वी, बोले- अप्रोच बदलिए वरना साफ दिख रहा है तबाही का मंजर
- Wednesday April 28, 2021
- Reported by: मनीष कुमार, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
बिहार में कोविड हालातों को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश के लिए एक के बाद एक कई ट्वीट कर मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की है. साथ ही उन्होंने कोरोना के प्रति नीतीश सरकार के व्यवहार को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया है. तेजस्वी ने लिखा कि कोरोना के केस लोड कम दिखाने के चक्कर में आप बिहार का नुकसान कर रहे हैं, राज्य में वायरस की चेन तेजी से बढ़ रही है.
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नहीं थम रहा कोरोना का कहर : कई जगह रिकॉर्ड मामले, राजस्थान, बिहार सहित कई राज्यों ने बढ़ाई सख्ती
- Monday April 19, 2021
- Reported by: भाषा
भारत में कोरोना वायरस का कहर कम होता नहीं दिख रहा है. रोजाना नए मामले 2 लाख से ऊपर सामने आ रहे हैं. कोविड-19 से जान गंवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. रविवार के आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए हैं. ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए कई राज्यों में और ज्यादा सख्ती की गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे राज्य में 19 अप्रैल से तीन मई की सुबह पांच बजे तक जन अनुशासन पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है. वहीं. बिहार में पूरे प्रदेश में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ़्यू लगाने, स्कूल और कॉलेज 15 मई तक बंद रखे जाने का फैसला किया गया है.
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क्या बिहार में कोरोना की विस्फोटक स्थिति के लिए CM नीतीश कुमार जिम्मेदार? इन 10 कारणों से समझिए
- Sunday July 19, 2020
- Reported by: मनीष कुमार, Edited by: पवन पांडे
कोरोना वायरस (coronavirus) से बिहार में स्थिति दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं. इसका अंदाज़ा आप तीन बातों से लगा सकते हैं. पहला हर दिन जांच की संख्या और पॉज़िटिव पाए जाने वाले मरीज़ों का प्रतिशत लगभग पंद्रह प्रतिशत से ऊपर है. हालांकि राज्य सरकार के तरफ़ से इस आंकड़े को हर दिन उलट-पलट कर पेश किया जाता है ताकि लोगों में भ्रम बना रहे. दूसरा, जांच की क्या गति है- कई जिलो में सैम्पल जांच के अभाव में या ख़राब हो जाते हैं या जांच की रिपोर्ट तीन से पांच दिन में आती हैं. तीसरी राज्य में मुख्य राजनीतिक दल भाजपा के दफ़्तर को इसलिए सील करना पड़ा क्योंकि वहां 70 से अधिक व्यक्ति संक्रमित पाये गये और खुद उनके राज्य इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल फ़िलहाल पॉज़िटिव पाये जाने पर अस्पताल में भर्ती हैं. यही नहीं, बिहार सरकार का कोई भी, किसी भी स्तर का अधिकारी हो, मंत्री हो या अन्य दल के नेता कोई भी बिहार सरकार के अस्पताल में अपना इलाज नहीं कराना चाहते बल्कि सब एम्स पटना में अपनी पहुंच और पद के आधार पर भर्ती हो रहे हैं, जो यह साबित करता है कि बिहार की स्वास्थ्य सेवा और अस्पताल की हालत कितनी ख़राब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सम्बंधी के इलाज लिए भी AIIMS पटना जाना बेहतर समझते हैं. इस बीच, यह सवाल उठता है कि क्या कारण है कि आख़िर केंद्र को अपनी विशेष टीम रविवार को पटना भेजनी पड़ी और वर्तमान स्थिति के लिए आख़िर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैसे दोषी हैं. उनके ऊपर हर दिन विपक्ष जो आरोप लगाता है आख़िर वो कितना जायज़ है.
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