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शीतकालीन सत्र के पहले दिन 60 ट्रैक्टर ले करेंगे संसद कूच : किसान आंदोलन की रणनीति पर राकेश टिकैत
- Wednesday November 24, 2021
उन्होंने कहा कि हम पर सड़कों को ब्लॉक करने का आरोप लगा था. लेकिन ये हमने नहीं किया था. सड़कों को ब्लॉक करना हमारा आंदोलन नहीं है.
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कृषि कानून के मसले पर SC द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, CJI को लिखी गई चिट्ठी
- Tuesday September 7, 2021
समिति के सदस्य अनिल घनवत ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमना से आग्रह किया है कि कृषि कानूनों पर समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. इस पर सार्वजनिक रूप से बहस हो. चिट्ठी में कहा गया है कि कृषि कानूनों पर समिति की रिपोर्ट अभी तक जनता के लिए जारी नहीं की गई है.
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किसान ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में 200 लोग लिए गए हिरासत में
- Wednesday January 27, 2021
अभी तक हिंसा के मामले में दिल्ली के अलग-अलग थानों में 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से बताया जा रहा है कि हिंसा में करीब 300 लोग घायल हुए हैं.
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पुलिस के रोकने के बाद ही हमने बैरीकेड तोड़े, दीप सिद्धू सरकार का आदमी : NDTV से सतनाम सिंह पन्नू
- Wednesday January 27, 2021
किसानों के उग्र होने के एक दिन बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सतनाम सिंह पन्नू ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हमने पहले ही एलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे.
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सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा, किसानों से विनती है कि बात करने के लिए आएं
- Tuesday January 19, 2021
कृषि क़ानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति ने मंगलवार को दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में पहली बैठक की. बैठक के बाद समिति के सदस्यों ने मीडिया के ज़रिए प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को बातचीत के लिए आने की अपील की लेकिन किसान संगठनों ने समिति का न्योता ठुकरा दिया. समिति सदस्य प्रमोद कुमार जोशी ने कहा कि हम किसानों से विनती करते हैं कि बात करने आएं. जो समस्या है वो हमें बताएं.
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कृषि कानूनों पर SC की समिति ने बैठक के बाद कहा - पहले हमारी विचारधारा क्या थी, उससे फर्क नहीं पड़ता
- Tuesday January 19, 2021
सुप्रीम कोर्ट की ओर कृषि कानूनों पर बनाई गई समिति ने मंगलवार को अपनी पहली बैठक ली है, जिसके बाद 21 जनवरी को किसान संगठनों से मिलने की घोषणा की गई है.
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कृषि कानून: SC की समिति से भूपिंदर मान के 'हटने' पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, 'यह हमारी छोटी जीत'
- Thursday January 14, 2021
मान के समिति से 'हटने' के फैसले को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी छोटी जीत बताया है. संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, 'हम इसे अपनी छोटी जीत के तौर पर देख रहे हैं.' उन्होंने कहा कि भूपिंदर सिंह मान के इस्तीफे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की प्रतिष्ठा कम कर दी है.
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भूपेंद्र सिंह मान ने कृषि कानूनों पर SC की समिति से खुद को अलग किया
- Thursday January 14, 2021
नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज (गुरुवार) 50वां दिन है. आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के दौरान समाधान के लिए एक समिति का गठन किया था. कमेटी के सदस्यों में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) भी थे. अब उन्होंने समिति से अपना नाम वापस ले लिया है.
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RSS से जुड़े किसान संगठन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से गठित समिति में पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं
- Tuesday January 12, 2021
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के ऑल इंडिया ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी दिनेश कुलकर्णी ने एनडीटीवी से कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा समिति के गठन के फैसले का हम स्वागत करते हैं. लेकिन हमारा मानना है कि यह समिति पूरे देश को रिप्रेजेंट नहीं करती है. इसमें दक्षिण भारत, पूर्वी भारत समेत उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया है.
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कृषि कानूनों के विरोधी हों या समर्थक, सभी किसान समिति के सामने अपना पक्ष रखें: सुप्रीम कोर्ट
- Tuesday January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज कृषि कानूनों (Farm Laws) और किसान आंदोलन (Farmers Movement) के मामले पर सुनवाई में कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं. हम सोचते हैं कि कृषि कानूनों के अमल पर रोक के इस असाधारण आदेश को कम से कम वर्तमान के लिए इस तरह के विरोध के उद्देश्य की उपलब्धि के रूप में माना जाएगा और ये किसान संगठनों को समझाने के लिए प्रोत्साहित करेगा कि वे अपने सदस्यों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करने और दूसरों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के लिए, व अपनी आजीविका वापस पाने के लिए वापस जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आठ सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई होगी.
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किसानों ने कहा, 'सरकार सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए कमेटी गठित करने की कोशिश कर रही है, सारे सदस्य कानूनों के समर्थक'
- Tuesday January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर एक समिति गठित करने के फैसले पर किसान नेता डॉ दर्शनपाल सिंह ने कहा कि आज हमने पंजाब किसान संगठनों के साथ बैठक की. कल हम पूरे संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक करेंगे. कल हमने प्रेस नोट में बताया था कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई कमेटी बनाएगा तो हमें मंज़ूर नहीं है. हमें लगता है कि जो सरकार नहीं कर पाई वो सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए करा रही है. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमें लगता है कि ये सरकार की शरारत है कि ये सुप्रीम के ज़रिए कमेटी ले आए. कमेटी के सारे सदस्य सरकार को सही ठहराते रहे हैं. ये लोग प्रेस में आर्टिकल लिखकर क़ानूनों को सही ठहराते रहे हैं. तो ऐसी कमेटी के सामने क्या बोलें. हमारा ये आंदोलन चलता रहेगा.
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कृषि कानूनों पर बनी SC की समिति के सदस्य अनिल घनवट बोले- 'नए कृषि कानूनों में सुधार बहुत जरूरी'
- Tuesday January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई समिति के सदस्य और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट ने कहा कि उनके हिसाब से इन कृषि कानूनों में बहुत सुधार की जरूरत है.
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SC ने तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक लगाई रोक, समिति का किया गठन
- Tuesday January 12, 2021
किसानों का पक्ष रख रहे वकील शर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा था कि किसान संगठन सुप्रीम कोर्ट की ओर से समिति गठित किए जाने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो इसके लिए अंतरिम आदेश देगी.
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किसान संगठनों ने कहा- सरकार बरगला रही, अब हम एनडीए के नेताओं का घेराव करेंगे
- Tuesday December 22, 2020
सिंघू बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने आज कहा कि ''सरकार ने कृषि कानूनों पर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह उन्हें वापस नहीं लेगी. सरकार ने पत्र जारी किया है जिसमें कहा है कि यदि किसान कानूनों (Farm Laws) में संशोधन चाहते हैं तो वे बातचीत के लिए समय और तारीख तय करके बताएं. यह सरकार का आगे बढ़ने वाला एक कदम नहीं है, बल्कि किसानों को बरगलाए जाने का एक तरीका है. एक सामान्य व्यक्ति यही सोचेगा कि किसान जिद्दी हैं लेकिन तथ्य यह है कि हम कृषि कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि वे पूरी तरह से रद्द किए जाएं.'' दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चे ने आंदोलन तेज करने और बीजेपी (BJP) और एनडीए (NDA) के नेताओं का घेराव करने की चेतावनी दी है.
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शीतकालीन सत्र के पहले दिन 60 ट्रैक्टर ले करेंगे संसद कूच : किसान आंदोलन की रणनीति पर राकेश टिकैत
- Wednesday November 24, 2021
उन्होंने कहा कि हम पर सड़कों को ब्लॉक करने का आरोप लगा था. लेकिन ये हमने नहीं किया था. सड़कों को ब्लॉक करना हमारा आंदोलन नहीं है.
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कृषि कानून के मसले पर SC द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, CJI को लिखी गई चिट्ठी
- Tuesday September 7, 2021
समिति के सदस्य अनिल घनवत ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमना से आग्रह किया है कि कृषि कानूनों पर समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. इस पर सार्वजनिक रूप से बहस हो. चिट्ठी में कहा गया है कि कृषि कानूनों पर समिति की रिपोर्ट अभी तक जनता के लिए जारी नहीं की गई है.
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किसान ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में 200 लोग लिए गए हिरासत में
- Wednesday January 27, 2021
अभी तक हिंसा के मामले में दिल्ली के अलग-अलग थानों में 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से बताया जा रहा है कि हिंसा में करीब 300 लोग घायल हुए हैं.
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पुलिस के रोकने के बाद ही हमने बैरीकेड तोड़े, दीप सिद्धू सरकार का आदमी : NDTV से सतनाम सिंह पन्नू
- Wednesday January 27, 2021
किसानों के उग्र होने के एक दिन बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सतनाम सिंह पन्नू ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हमने पहले ही एलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे.
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सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा, किसानों से विनती है कि बात करने के लिए आएं
- Tuesday January 19, 2021
कृषि क़ानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई समिति ने मंगलवार को दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में पहली बैठक की. बैठक के बाद समिति के सदस्यों ने मीडिया के ज़रिए प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को बातचीत के लिए आने की अपील की लेकिन किसान संगठनों ने समिति का न्योता ठुकरा दिया. समिति सदस्य प्रमोद कुमार जोशी ने कहा कि हम किसानों से विनती करते हैं कि बात करने आएं. जो समस्या है वो हमें बताएं.
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कृषि कानूनों पर SC की समिति ने बैठक के बाद कहा - पहले हमारी विचारधारा क्या थी, उससे फर्क नहीं पड़ता
- Tuesday January 19, 2021
सुप्रीम कोर्ट की ओर कृषि कानूनों पर बनाई गई समिति ने मंगलवार को अपनी पहली बैठक ली है, जिसके बाद 21 जनवरी को किसान संगठनों से मिलने की घोषणा की गई है.
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कृषि कानून: SC की समिति से भूपिंदर मान के 'हटने' पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, 'यह हमारी छोटी जीत'
- Thursday January 14, 2021
मान के समिति से 'हटने' के फैसले को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी छोटी जीत बताया है. संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, 'हम इसे अपनी छोटी जीत के तौर पर देख रहे हैं.' उन्होंने कहा कि भूपिंदर सिंह मान के इस्तीफे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की प्रतिष्ठा कम कर दी है.
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भूपेंद्र सिंह मान ने कृषि कानूनों पर SC की समिति से खुद को अलग किया
- Thursday January 14, 2021
नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज (गुरुवार) 50वां दिन है. आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के दौरान समाधान के लिए एक समिति का गठन किया था. कमेटी के सदस्यों में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) भी थे. अब उन्होंने समिति से अपना नाम वापस ले लिया है.
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RSS से जुड़े किसान संगठन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से गठित समिति में पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं
- Tuesday January 12, 2021
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के ऑल इंडिया ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी दिनेश कुलकर्णी ने एनडीटीवी से कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा समिति के गठन के फैसले का हम स्वागत करते हैं. लेकिन हमारा मानना है कि यह समिति पूरे देश को रिप्रेजेंट नहीं करती है. इसमें दक्षिण भारत, पूर्वी भारत समेत उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिस्से, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया है.
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कृषि कानूनों के विरोधी हों या समर्थक, सभी किसान समिति के सामने अपना पक्ष रखें: सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज कृषि कानूनों (Farm Laws) और किसान आंदोलन (Farmers Movement) के मामले पर सुनवाई में कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं. हम सोचते हैं कि कृषि कानूनों के अमल पर रोक के इस असाधारण आदेश को कम से कम वर्तमान के लिए इस तरह के विरोध के उद्देश्य की उपलब्धि के रूप में माना जाएगा और ये किसान संगठनों को समझाने के लिए प्रोत्साहित करेगा कि वे अपने सदस्यों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करने और दूसरों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के लिए, व अपनी आजीविका वापस पाने के लिए वापस जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आठ सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई होगी.
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किसानों ने कहा, 'सरकार सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए कमेटी गठित करने की कोशिश कर रही है, सारे सदस्य कानूनों के समर्थक'
- Tuesday January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर एक समिति गठित करने के फैसले पर किसान नेता डॉ दर्शनपाल सिंह ने कहा कि आज हमने पंजाब किसान संगठनों के साथ बैठक की. कल हम पूरे संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक करेंगे. कल हमने प्रेस नोट में बताया था कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई कमेटी बनाएगा तो हमें मंज़ूर नहीं है. हमें लगता है कि जो सरकार नहीं कर पाई वो सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए करा रही है. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमें लगता है कि ये सरकार की शरारत है कि ये सुप्रीम के ज़रिए कमेटी ले आए. कमेटी के सारे सदस्य सरकार को सही ठहराते रहे हैं. ये लोग प्रेस में आर्टिकल लिखकर क़ानूनों को सही ठहराते रहे हैं. तो ऐसी कमेटी के सामने क्या बोलें. हमारा ये आंदोलन चलता रहेगा.
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कृषि कानूनों पर बनी SC की समिति के सदस्य अनिल घनवट बोले- 'नए कृषि कानूनों में सुधार बहुत जरूरी'
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सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई समिति के सदस्य और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट ने कहा कि उनके हिसाब से इन कृषि कानूनों में बहुत सुधार की जरूरत है.
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SC ने तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक लगाई रोक, समिति का किया गठन
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किसान संगठनों ने कहा- सरकार बरगला रही, अब हम एनडीए के नेताओं का घेराव करेंगे
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सिंघू बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने आज कहा कि ''सरकार ने कृषि कानूनों पर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह उन्हें वापस नहीं लेगी. सरकार ने पत्र जारी किया है जिसमें कहा है कि यदि किसान कानूनों (Farm Laws) में संशोधन चाहते हैं तो वे बातचीत के लिए समय और तारीख तय करके बताएं. यह सरकार का आगे बढ़ने वाला एक कदम नहीं है, बल्कि किसानों को बरगलाए जाने का एक तरीका है. एक सामान्य व्यक्ति यही सोचेगा कि किसान जिद्दी हैं लेकिन तथ्य यह है कि हम कृषि कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि वे पूरी तरह से रद्द किए जाएं.'' दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चे ने आंदोलन तेज करने और बीजेपी (BJP) और एनडीए (NDA) के नेताओं का घेराव करने की चेतावनी दी है.
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