British Soldiers
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...जब झारखंड के इन तीन वीरों के विद्रोह से कांप उठी थी अंग्रेजी हुकूमत, वीरता और शहादत की वो दास्तान
- Tuesday August 13, 2024
- Edited by: चंदन वत्स
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये विद्रोह बैरकपुर छावनी में 1857 के पहले हुआ था. अंग्रेजों ने जिस जगह तीनों विद्रोहियों को फांसी दी थी, वो जगह आज 'फंसियाबारी' के नाम से जानी जाती है. ये तीनों शहीद रोहिणी के आसपास के गांवों के रहने वाले थे.
- ndtv.in
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ब्रिटिश सैनिक वापस वतन पहुंचे, अफगानिस्तान में ब्रिटेन का 20 साल लंबा सैन्य अभियान खत्म
- Sunday August 29, 2021
- Reported by: भाषा
सशस्त्र बल समुदाय को लिखे पत्र में जॉनसन ने माना कि काबुल को तालिबान के कब्जे में जाते देखना उन लोगों के लिए मुश्किल रहा होगा, खासकर जंग के दौरान जान कुर्बान करने वाले 457 सैनिकों के दोस्तों और प्रियजनों के लिए मुश्किल समय रहा होगा.
- ndtv.in
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ब्रिटेन के लिए शहीद भारतीय सैनिकों को सलामी दी जा सकती है, तो भीमा-कोरेगांव के महार सैनिकों को क्यों नहीं?
- Tuesday January 9, 2018
- रवीश कुमार
अप्रैल 2015, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के लिल (LILLE) स्थित NEUVE-CHAPELLE युद्ध स्मारक गए थे. वहां उन्होंने ब्रिटिश सेना की तरफ से फ्रांस की जमीन पर मारे गए 10,000 भारतीय सैनिकों की शहादत को सलामी दी थी. ऐसा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने कहा था कि "हमारे जवानों ने विश्वयुद्ध में विदेशी जमीन पर लड़ाई लड़ी... अपनी निष्ठा, बहादुरी और त्याग के लिए दुनिया की प्रशंसा हासिल की... मैं उन्हें सलाम करता हूं..."
- ndtv.in
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शोधकर्ताओं का कहना है कि ये विद्रोह बैरकपुर छावनी में 1857 के पहले हुआ था. अंग्रेजों ने जिस जगह तीनों विद्रोहियों को फांसी दी थी, वो जगह आज 'फंसियाबारी' के नाम से जानी जाती है. ये तीनों शहीद रोहिणी के आसपास के गांवों के रहने वाले थे.
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