Book Review Of Raja Nahar Singh
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बुक रिव्यू: इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो गए महानायक राजा नाहर सिंह
- Wednesday January 25, 2017
- Written by: शारिक रहमान खान
आज़ादी से पहले 1857 की जंग के समय क़रीब साढ़े चार महीने तक अंग्रेज़ों को दिल्ली से दूर रखने वाले शूर वीर राजा नाहर सिंह फ़रीदाबाद के बल्लभगढ़ के शासक थे. इनकी धाक ऐसी थी कि 1857 के संग्राम में अंग्रेज़ी हुकूमत से घबराए मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र ने दिल्ली की कमान इन्हें ही सौंपी थी. उन्हें पता था कि राजा नाहर सिंह के रहते अंग्रेज़ दिल्ली में घुसने की सोच भी नहीं सकते, फिर क़ब्ज़ा करना तो बहुत दूर की बात थी.
- ndtv.in
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बुक रिव्यू: इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो गए महानायक राजा नाहर सिंह
- Wednesday January 25, 2017
- Written by: शारिक रहमान खान
आज़ादी से पहले 1857 की जंग के समय क़रीब साढ़े चार महीने तक अंग्रेज़ों को दिल्ली से दूर रखने वाले शूर वीर राजा नाहर सिंह फ़रीदाबाद के बल्लभगढ़ के शासक थे. इनकी धाक ऐसी थी कि 1857 के संग्राम में अंग्रेज़ी हुकूमत से घबराए मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र ने दिल्ली की कमान इन्हें ही सौंपी थी. उन्हें पता था कि राजा नाहर सिंह के रहते अंग्रेज़ दिल्ली में घुसने की सोच भी नहीं सकते, फिर क़ब्ज़ा करना तो बहुत दूर की बात थी.
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