Arunachal Pradesh Army Exercise
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चीन से लगी सीमा पर दिखा भारतीय सेना का शौर्य, अगली पीढ़ी के युद्ध कौशल का किया गया सफल अभ्यास
- Monday September 1, 2025
- Reported by: राजीव रंजन
अभ्यास के दौरान मल्टी डोमेन युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए ड्रोन निगरानी, लक्ष्य की रीयल-टाइम पहचान, सटीक प्रहार, आकाश से लेकर समुद्र में दबदबे और सैनिकों के बीच उच्च स्तरीय समन्वय का अभ्यास किया गया.
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LAC के निकट आज से वायुसेना का दो दिवसीय युद्धाभ्यास, पूर्वी कमान के सभी एयरबेस इसमें लेंगे हिस्सा
- Thursday December 15, 2022
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: विजय शंकर पांडेय
माना जा रहा है कि पूर्वी कमान के सभी एयरबेस इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे. इस युद्धाभ्यास के दौरान रफ़ाल और सुखोई उड़ान भरकर चीन को संदेश देंगे.
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अरुणाचल में भारतीय सेना के युद्धाभ्यास का चीन ने किया विरोध
- Saturday October 5, 2019
- Reported by: भाषा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
पूर्वोत्तर राज्य में इस तरह की यह पहली कवायद है, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया है. क्योंकि अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से को वह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 100 किलोमीटर दूर तीन युद्ध समूह (प्रत्येक में 4 हजार सैनिक शामिल हैं) 14 हजार फुट की ऊंचाई पर हो रहे अभ्यास में भाग ले रहे हैं.
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चीन से लगी सीमा पर दिखा भारतीय सेना का शौर्य, अगली पीढ़ी के युद्ध कौशल का किया गया सफल अभ्यास
- Monday September 1, 2025
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अभ्यास के दौरान मल्टी डोमेन युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए ड्रोन निगरानी, लक्ष्य की रीयल-टाइम पहचान, सटीक प्रहार, आकाश से लेकर समुद्र में दबदबे और सैनिकों के बीच उच्च स्तरीय समन्वय का अभ्यास किया गया.
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LAC के निकट आज से वायुसेना का दो दिवसीय युद्धाभ्यास, पूर्वी कमान के सभी एयरबेस इसमें लेंगे हिस्सा
- Thursday December 15, 2022
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: विजय शंकर पांडेय
माना जा रहा है कि पूर्वी कमान के सभी एयरबेस इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे. इस युद्धाभ्यास के दौरान रफ़ाल और सुखोई उड़ान भरकर चीन को संदेश देंगे.
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अरुणाचल में भारतीय सेना के युद्धाभ्यास का चीन ने किया विरोध
- Saturday October 5, 2019
- Reported by: भाषा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
पूर्वोत्तर राज्य में इस तरह की यह पहली कवायद है, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया है. क्योंकि अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से को वह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 100 किलोमीटर दूर तीन युद्ध समूह (प्रत्येक में 4 हजार सैनिक शामिल हैं) 14 हजार फुट की ऊंचाई पर हो रहे अभ्यास में भाग ले रहे हैं.
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