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Allama Iqbal

'Allama Iqbal' - 6 News Result(s)
  • 'सारे जहां से अच्छा' लिखने वाले शायर मोहम्मद इकबाल से जुड़ा अध्याय सिलेबस से हटाया जा सकता है

    'सारे जहां से अच्छा' लिखने वाले शायर मोहम्मद इकबाल से जुड़ा अध्याय सिलेबस से हटाया जा सकता है

    अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने कहा, “राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था. प्रस्ताव के अनुसार, इकबाल पर एक अध्याय था, जिसे पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है.”

  • केरल के राज्यपाल ने ‘काल प्रेरणा’ पुस्तक का किया विमोचन, अल्लामा इक़बाल का जिक्र कर बताई भारत की खासियत

    केरल के राज्यपाल ने ‘काल प्रेरणा’ पुस्तक का किया विमोचन, अल्लामा इक़बाल का जिक्र कर बताई भारत की खासियत

    केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वेदों में लिखे कई श्लोकों का उदाहरण देते कहा कि भारत के लोग पत्थर में भी भगवान के स्वरुप को खोजते हैं. यही वजह है कि हमारी अलग अलग पूजा पद्धति होने के बावजूद हम आज भी एक है. यही भारतीय संस्कृति की खासियत है.

  • अल्लामा इक़बाल: कवि, समाज सुधारक और राजनीतिक कार्यकर्ता की शख्सियत

    अल्लामा इक़बाल: कवि, समाज सुधारक और राजनीतिक कार्यकर्ता की शख्सियत

    सर अल्लामा मुहम्मद इकबाल (9 नवंबर 1877- 21 अप्रैल 1938) एक कवि, लेखक, दार्शनिक, समाज सुधारक, राजनीतिक कार्यकर्ता और कल्पना से परे शख्सियत थे. हालांकि वह पेशे से वकील थे और उनके 106 मामलों को तारीखी ( landmark) रूप में बताया जाता है, जो आज तक का रिकॉर्ड है. सियालकोट में जन्मे इकबाल की प्रारंभिक शिक्षा मदरसे और बाद में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से हुई. उस समय के प्रतिष्ठित विद्वानों, मीर हसन और थॉमस वॉकर अर्नोल्ड का उनके विचारों पर गहरा प्रभाव था उनकी कानून और पीएचडी (दर्शनशास्त्र) की उच्च शिक्षा क्रमशः इंग्लैंड और जर्मनी में हुई. इकबाल को कई विश्वविद्यालयों द्वारा प्रोफेसर के रूप में रखने की पेशकश की गई थी, लेकिन वह ऐसी नौकरियों से मुक्त होने और रचनात्मक लेखन पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करते थे.

  • TOP 5 NEWS: सेना ने PoK में उड़ाए  4 आतंकी लॉन्च पैड, पाक का समर्थन देने पर PM मोदी ने रद्द किया तुर्की दौरा

    TOP 5 NEWS: सेना ने PoK में उड़ाए 4 आतंकी लॉन्च पैड, पाक का समर्थन देने पर PM मोदी ने रद्द किया तुर्की दौरा

    भारतीय सेना ने तंगधार सेक्टर के दूसरी तरफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी कैंपों पर हमला किया है.

  • छात्रों ने गाया इकबाल का गीत, 'लब पे आती है दुआ बनके...', बजरंग दल की शिकायत पर प्रिंसिपल निलंबित

    छात्रों ने गाया इकबाल का गीत, 'लब पे आती है दुआ बनके...', बजरंग दल की शिकायत पर प्रिंसिपल निलंबित

    संगठनों का आरोप है कि छात्र सुबह की प्रार्थना में 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गीत गा रहे थे. कविता 'लब पे आती है दुआ' को अल्लामा इकबाल के नाम से प्रसिद्ध मोहम्मद इकबाल ने 1902 में लिखी थी. इकबाल ने ही इस प्रसिद्ध पंक्ति 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' को लिखा है.

  • अयोध्‍या केस : राजीव धवन ने कोर्ट में पढ़ा मो. इक़बाल का शेर- 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़...'

    अयोध्‍या केस : राजीव धवन ने कोर्ट में पढ़ा मो. इक़बाल का शेर- 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़...'

    सुनवाई के दौरान धवन ने अल्लामा इकबाल की शायरी का जिक्र कर राम को इमामे हिन्द बताते हुए उन पर नाज की बात की. लेकिन फिर कहा कि बाद में वो बदल गए थे और पाकिस्तान के समर्थक बन गए थे. सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने कोर्ट में अल्लामा इक़बाल का मशहूर शेर भी पढ़ा, 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़...अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद.'

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  • 'सारे जहां से अच्छा' लिखने वाले शायर मोहम्मद इकबाल से जुड़ा अध्याय सिलेबस से हटाया जा सकता है

    'सारे जहां से अच्छा' लिखने वाले शायर मोहम्मद इकबाल से जुड़ा अध्याय सिलेबस से हटाया जा सकता है

    अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने कहा, “राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था. प्रस्ताव के अनुसार, इकबाल पर एक अध्याय था, जिसे पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है.”

  • केरल के राज्यपाल ने ‘काल प्रेरणा’ पुस्तक का किया विमोचन, अल्लामा इक़बाल का जिक्र कर बताई भारत की खासियत

    केरल के राज्यपाल ने ‘काल प्रेरणा’ पुस्तक का किया विमोचन, अल्लामा इक़बाल का जिक्र कर बताई भारत की खासियत

    केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वेदों में लिखे कई श्लोकों का उदाहरण देते कहा कि भारत के लोग पत्थर में भी भगवान के स्वरुप को खोजते हैं. यही वजह है कि हमारी अलग अलग पूजा पद्धति होने के बावजूद हम आज भी एक है. यही भारतीय संस्कृति की खासियत है.

  • अल्लामा इक़बाल: कवि, समाज सुधारक और राजनीतिक कार्यकर्ता की शख्सियत

    अल्लामा इक़बाल: कवि, समाज सुधारक और राजनीतिक कार्यकर्ता की शख्सियत

    सर अल्लामा मुहम्मद इकबाल (9 नवंबर 1877- 21 अप्रैल 1938) एक कवि, लेखक, दार्शनिक, समाज सुधारक, राजनीतिक कार्यकर्ता और कल्पना से परे शख्सियत थे. हालांकि वह पेशे से वकील थे और उनके 106 मामलों को तारीखी ( landmark) रूप में बताया जाता है, जो आज तक का रिकॉर्ड है. सियालकोट में जन्मे इकबाल की प्रारंभिक शिक्षा मदरसे और बाद में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से हुई. उस समय के प्रतिष्ठित विद्वानों, मीर हसन और थॉमस वॉकर अर्नोल्ड का उनके विचारों पर गहरा प्रभाव था उनकी कानून और पीएचडी (दर्शनशास्त्र) की उच्च शिक्षा क्रमशः इंग्लैंड और जर्मनी में हुई. इकबाल को कई विश्वविद्यालयों द्वारा प्रोफेसर के रूप में रखने की पेशकश की गई थी, लेकिन वह ऐसी नौकरियों से मुक्त होने और रचनात्मक लेखन पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करते थे.

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  • छात्रों ने गाया इकबाल का गीत, 'लब पे आती है दुआ बनके...', बजरंग दल की शिकायत पर प्रिंसिपल निलंबित

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    संगठनों का आरोप है कि छात्र सुबह की प्रार्थना में 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गीत गा रहे थे. कविता 'लब पे आती है दुआ' को अल्लामा इकबाल के नाम से प्रसिद्ध मोहम्मद इकबाल ने 1902 में लिखी थी. इकबाल ने ही इस प्रसिद्ध पंक्ति 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' को लिखा है.

  • अयोध्‍या केस : राजीव धवन ने कोर्ट में पढ़ा मो. इक़बाल का शेर- 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़...'

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    सुनवाई के दौरान धवन ने अल्लामा इकबाल की शायरी का जिक्र कर राम को इमामे हिन्द बताते हुए उन पर नाज की बात की. लेकिन फिर कहा कि बाद में वो बदल गए थे और पाकिस्तान के समर्थक बन गए थे. सुनवाई के दौरान राजीव धवन ने कोर्ट में अल्लामा इक़बाल का मशहूर शेर भी पढ़ा, 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़...अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद.'

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