Acquitted By Court
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सहारनपुर में हिंसा के आरोप में पुलिस ने पीट-पीटकर तोड़ दिए थे हाथ, अब आठ युवकों को कोर्ट ने कर दिया बरी
- Monday July 4, 2022
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ BJP की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर 10 जून को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रदर्शन हुआ था. इसके बाद यूपी पुलिस ने 85 लड़कों को गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने लड़कों को गिरफ्तार करने के बाद जमकर पीटा था. जिन लड़कों को पुलिस ने पीटा था, उनमें से आठ को सहारनपुर कोर्ट ने बाइज़्ज़त बरी कर दिया है.
- ndtv.in
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हाई कोर्ट में टाइपिंग की गलती से रिहा हुआ दोषी, अदालत ने कहा कि गवाहों को बचाओ
- Tuesday April 4, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस कर्मियों से हत्या के एक मामले में गवाहों और शिकायतकर्ता के संरक्षण के लिए कहा. इस मामले में दोषी उसकी अपील के निपटारे के दौरान अदालत के फैसले में टाइपिंग संबंधी गलती से रिहा हो गया. न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने दोषी की गिरफ्तारी के निर्देश भी दिए जिसकी रिहाई के लिए उच्च न्यायालय ने 24 दिसंबर 2016 को आदेश दिए थे. यह निर्देश इस मामले में तीन गवाहों की याचिकाओं पर आया.
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सहारनपुर में हिंसा के आरोप में पुलिस ने पीट-पीटकर तोड़ दिए थे हाथ, अब आठ युवकों को कोर्ट ने कर दिया बरी
- Monday July 4, 2022
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पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ BJP की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर 10 जून को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रदर्शन हुआ था. इसके बाद यूपी पुलिस ने 85 लड़कों को गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने लड़कों को गिरफ्तार करने के बाद जमकर पीटा था. जिन लड़कों को पुलिस ने पीटा था, उनमें से आठ को सहारनपुर कोर्ट ने बाइज़्ज़त बरी कर दिया है.
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हाई कोर्ट में टाइपिंग की गलती से रिहा हुआ दोषी, अदालत ने कहा कि गवाहों को बचाओ
- Tuesday April 4, 2017
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस कर्मियों से हत्या के एक मामले में गवाहों और शिकायतकर्ता के संरक्षण के लिए कहा. इस मामले में दोषी उसकी अपील के निपटारे के दौरान अदालत के फैसले में टाइपिंग संबंधी गलती से रिहा हो गया. न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने दोषी की गिरफ्तारी के निर्देश भी दिए जिसकी रिहाई के लिए उच्च न्यायालय ने 24 दिसंबर 2016 को आदेश दिए थे. यह निर्देश इस मामले में तीन गवाहों की याचिकाओं पर आया.
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