'NLAT 2020' - 4 न्यूज़ रिजल्ट्स
- Career | सोमवार सितम्बर 21, 2020 11:37 AM ISTसुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बेंगलुरू द्वारा अलग से प्रवेश परीक्षा एनएलएटी-2020 (NLAT 2020) आयोजित करने पर अपना अंतिम फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने (NLSIU), बेंगलुरू द्वारा एक अलग परीक्षा (NLAT) के आयोजन को मंजूर नहीं किया है और 12 सितंबर को हुई NLAT 2020 परीक्षा को खारिज करने का फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NLSUI को CLAT 2020 के अनुसार अक्टूबर तक दाखिले करने होंगे. इस बार CLAT 2020 परीक्षा 28 सितंबर को देशभर में आयोजित की जाएगी.
- Career | गुरुवार सितम्बर 17, 2020 05:33 PM ISTउच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि एनएलएसआईयू (NLSIU) द्वारा अलग से प्रवेश परीक्षा एनएलएटी-2020 (NLAT 2020) आयोजित करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 21 सितंबर को आदेश सुनाया जायेगा. न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बेंगलुरू के पूर्व कुलपति आर वेंकट राव और एक छात्र के पिता की याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुये कहा कि इस पर 21 सितंबर को आदेश सुनाया जायेगा.
- Career | शुक्रवार सितम्बर 11, 2020 05:53 PM ISTNLAT 2020: सुप्रीम कोर्ट ने आज नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) बैंगलोर को 12 सितंबर को NLAT 2020 आयोजित करने की इजाज़त दे दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संस्थान परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं करेगा, जब तक कि अदालत इस परीक्षा की वैधता पर फैसला नहीं देता है. NLSIU के पूर्व कुलपति, प्रो (डॉ) आर वेंकट राव और छात्रों के अभिभावकों ने NLSIU बैंगलोर को CLAT 2020 से अचानक अलग करने और अलग से NLAT 2020 परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
- Career | बुधवार सितम्बर 9, 2020 11:28 AM ISTनेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बैंगलोर के पूर्व कुलपति और एक छात्र के पिता ने इस विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा अलग से कराने संबंधी अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देते हुये इसे पूरी तरह मनमाना और गैरकानूनी फैसला बताया है. यह याचिका एनएलएसआईयू के पूर्व कुलपति प्रो आर वेंकट राव और एक छात्र के पिता राकेश कुमार अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि एनएलएसयूआई की इस कार्रवाई ने एक अप्रत्याशित अनिश्चित्ता पैदा कर दी है और छात्रों पर भी अनावश्यक बोझ डाल दिया है जो अब भावी कार्यक्रम को लेकर अनिश्चय की स्थिति में हैं.