100 Years Of First World War
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
100 साल बाद सही ठिकाने पर पहुंचा लेटर, देख लोगों के उड़े होश, लिफाफा खुला तो पता चला दिलचस्प इतिहास
- Sunday February 19, 2023
- Edited by: शालिनी सेंगर
Letter Of 1916: ये लेटर 1916 में लिखा गया है, जो अब जाकर सही पते पर पहुंच सका. 1916 में ये लेटर इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था. इस लेटर को देखकर, उस पते पर अब रहने वाले लोग भी चौंक गए.
-
ndtv.in
-
पीएम मोदी ने प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, कहा- हम विश्व शांति के लिए प्रतिबद्ध
- Sunday November 11, 2018
- भाषा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम विश्व युद्ध में लड़ाई लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारत विश्व शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है ताकि युद्धों से होने वाली मौतों और तबाही का मंजर फिर से नजर न आए. पीएम मोदी ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘आज जब हम भयावह प्रथम विश्व युद्ध के अंत के 100 साल पूरे कर रहे हैं, ऐसे में हम विश्व शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और सद्भाव एवं भाईचारे के माहौल को विस्तार देने का प्रण करते हैं ताकि युद्धों से होने वाली मौतों और तबाही का मंजर फिर से नजर न आए’’.
-
ndtv.in
-
प्रथम विश्वयुद्द के सौ साल और भारतीय सैनिकों का योगदान
- Wednesday March 11, 2015
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: वंदना वर्मा
"यदि मैं यहां मारा गया तो कौन मुझे याद करेगा"? ये बात सौ साल पहले लड़े गए प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों की ओर से हिस्सा लेने वाले एक सिपाही ने कही थी।
-
ndtv.in
-
100 साल बाद सही ठिकाने पर पहुंचा लेटर, देख लोगों के उड़े होश, लिफाफा खुला तो पता चला दिलचस्प इतिहास
- Sunday February 19, 2023
- Edited by: शालिनी सेंगर
Letter Of 1916: ये लेटर 1916 में लिखा गया है, जो अब जाकर सही पते पर पहुंच सका. 1916 में ये लेटर इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था. इस लेटर को देखकर, उस पते पर अब रहने वाले लोग भी चौंक गए.
-
ndtv.in
-
पीएम मोदी ने प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, कहा- हम विश्व शांति के लिए प्रतिबद्ध
- Sunday November 11, 2018
- भाषा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम विश्व युद्ध में लड़ाई लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारत विश्व शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है ताकि युद्धों से होने वाली मौतों और तबाही का मंजर फिर से नजर न आए. पीएम मोदी ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘आज जब हम भयावह प्रथम विश्व युद्ध के अंत के 100 साल पूरे कर रहे हैं, ऐसे में हम विश्व शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और सद्भाव एवं भाईचारे के माहौल को विस्तार देने का प्रण करते हैं ताकि युद्धों से होने वाली मौतों और तबाही का मंजर फिर से नजर न आए’’.
-
ndtv.in
-
प्रथम विश्वयुद्द के सौ साल और भारतीय सैनिकों का योगदान
- Wednesday March 11, 2015
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: वंदना वर्मा
"यदि मैं यहां मारा गया तो कौन मुझे याद करेगा"? ये बात सौ साल पहले लड़े गए प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों की ओर से हिस्सा लेने वाले एक सिपाही ने कही थी।
-
ndtv.in