प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
रियो ओलिंपिक के लिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए आयोजकों ने सुरक्षा पर ख़ास ध्यान दिया है। रियो डि जेनेरियो राज्य सरकार भी सुरक्षा के लिए ब्राज़ील की सेना की मदद लेगी। 5 से 21 अगस्त के बीच ब्राज़ील की सेना, एयर फोर्स और नेवी के आला अधिकारी खिलाड़ियों की सुरक्षा के इंतज़ामों पर नज़र रखेंगे।
रियो ओलिंपिक के सुरक्षा सचिव होज़े बेल्ट्रेम ने कहा, 'जहां भी खेलों का बड़ा आयोजन होता हैं, वहां सेना की मदद ली जाती रही है। इसमें कुछ नया नहीं है। लंदन ओलिंपिक में भी ऐसा हुआ था। खिलाड़ियों की सुरक्षा में कितने और कहां-कहां सेना को रखा जाएगा, ये फ़ैसला बाद में होगा।'
रविवार को सुरक्षा एजेंसियों ने मराकाना स्टेडियम (जहां ओपनिंग सेरेमनी होना है) के आसपास सुरक्षा का जायजा लिया। सेना को स्टेडियम सबवे, बस रूट और अति व्यस्त सड़कों पर लगाया जाएगा। रियो के गवर्नर फ़्रांसिस्को डॉर्निलेस द्वारा राज्य में आर्थिक संकट का एलान कर देने के बाद ओलिंपिक खेलों पर संकट के बादल मंडराने लगा है। हालांकि सरकार ने खेलों को हर संभव मदद का एलान किया है।
हालांकि रियो के पुलिस चीफ़ फ़ेलिपे टेवारिस ने कहा, 'हमने अपने लोगों को ख़ास मेहमानों की सुरक्षा के लिए लगाया है, जो उन्हें कार से ले जा कर सीट पर बैठने तक सुरक्षा देंगे, साथ ही वापसी में भी ऐसा किया जाएगा।'
रियो में सुरक्षा को लेकर लंबे समय से विवाद होता रहा है। रियो पुलिस पर पहले से शहर की जनता अपराधियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने का आरोप लगाती रही है।
ओलिंपिक के लिए 20 हज़ार सेना के जवानों के अलावा 65 हज़ार रियो पुलिस भी खिलाड़ियों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। चार साल पहले हुए लंदन ओलिंपिक खेलों से ये चार गुना ज़्यादा है।
रियो ओलिंपिक के सुरक्षा सचिव होज़े बेल्ट्रेम ने कहा, 'जहां भी खेलों का बड़ा आयोजन होता हैं, वहां सेना की मदद ली जाती रही है। इसमें कुछ नया नहीं है। लंदन ओलिंपिक में भी ऐसा हुआ था। खिलाड़ियों की सुरक्षा में कितने और कहां-कहां सेना को रखा जाएगा, ये फ़ैसला बाद में होगा।'
रविवार को सुरक्षा एजेंसियों ने मराकाना स्टेडियम (जहां ओपनिंग सेरेमनी होना है) के आसपास सुरक्षा का जायजा लिया। सेना को स्टेडियम सबवे, बस रूट और अति व्यस्त सड़कों पर लगाया जाएगा। रियो के गवर्नर फ़्रांसिस्को डॉर्निलेस द्वारा राज्य में आर्थिक संकट का एलान कर देने के बाद ओलिंपिक खेलों पर संकट के बादल मंडराने लगा है। हालांकि सरकार ने खेलों को हर संभव मदद का एलान किया है।
हालांकि रियो के पुलिस चीफ़ फ़ेलिपे टेवारिस ने कहा, 'हमने अपने लोगों को ख़ास मेहमानों की सुरक्षा के लिए लगाया है, जो उन्हें कार से ले जा कर सीट पर बैठने तक सुरक्षा देंगे, साथ ही वापसी में भी ऐसा किया जाएगा।'
रियो में सुरक्षा को लेकर लंबे समय से विवाद होता रहा है। रियो पुलिस पर पहले से शहर की जनता अपराधियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने का आरोप लगाती रही है।
ओलिंपिक के लिए 20 हज़ार सेना के जवानों के अलावा 65 हज़ार रियो पुलिस भी खिलाड़ियों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। चार साल पहले हुए लंदन ओलिंपिक खेलों से ये चार गुना ज़्यादा है।
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