
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक नेक पहल ने चार लोगों नई जिंदगी दी. दरअसल रमेश हॉस्पिटल में इलाज के दौरान चेरुकुरी सुषमा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. इसके बाद उनके परिवार ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए उनके अंगों को दान करने का फैसला किया. रमेश हॉस्पिटल ने इस नेक कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मंत्री नारा लोकेश से गुंटूर से तिरुपति तक दिल को पहुंचाने की अपील की.

ग्रीन चैनल और फ्लाइट से अस्पताल पहुंचा दिल
मंत्री नारा लोकेश ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दिल को परिवहन के लिए एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की. दिल को गुंटूर से गन्नवरम हवाई अड्डे तक ग्रीन चैनल के जरिए ले जाया गया. दिल को गन्नावरम हवाई अड्डे से रेनीगुंटा और वहां से ग्रीन चैनल के जरिए तिरुपति अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई. इस दौरान गुंटूर और विजयवाड़ा के बीच पुलिस ने भी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रास्ते में किसी भी रुकावट को आने से रोका.

नेकदिल काम के लिए मंत्री की भी तारीफ
ब्रेनडेड मरीज के अंगों को विभिन्न स्थानों पर चार गंभीर रूप से बीमार मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया. इस नेक दिल काम के लिए आईटी और मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश की भी खूब तारीफ हो रही है. जिन्होंने गुंटूर से तिरुपति तक एक ब्रेनडेड मरीज के अंगों को ले जाने के लिए अपने खर्च पर एक विशेष फ्लाइट की व्यवस्था की. यह घटना न केवल मानवता की मिसाल है, बल्कि सहयोग और संगठित प्रयासों का भी उदाहरण पेश करती है.

चार लोगों की जिंदगी बदली
डॉक्टर्स ने लोकेश नारा को खासतौर पर धन्यवाद दिया क्योंकि मंत्री की वजह से असंभव लगने वाला काम समय के अंदर ही सफलतापूर्वक पूरा हो गया. दिल को तिरुपति ले जाया गया, फेफड़े हैदराबाद के किम्स में एक मरीज को दान कर दिए गए. रमेश अस्पताल ने एक किडनी का उपयोग किया जबकि दूसरी किडनी विजयवाड़ा के कामिनेनी अस्पताल में एक मरीज को दान कर दी गई
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