कोरोनावायरस से लड़ाई न सिर्फ केंद्र सरकार के लिए बल्कि राज्य सरकारों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. इस मामले में राज्य कोरोना से जंग में केंद्र सरकार से बड़ी आर्थिक सहायता की उम्मीद कर रहे हैं. राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि कोरोनावायरस महामारी और उसके बाद से किए गए लॉकडाउन से राजस्थान सरकार की आमदनी को गहरी चोट पहुंची है. ऐसे में राज्य सरकार को केंद्र से बड़ी आर्थिक सहायता की उम्मीद है. सचिन पायलट ने बताया कि भीलवाड़ा मॉडल के बावजूद जयपुर में मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि भीलवाड़ा इलाक़े में आबादी बिखरी हुई जबकि जयपुर घनी आबादी वाला इलाका है. इसलिये मामले बढ़े हैं. पायलट ने कहा कि फिर भी राजस्थान सरकार रोकथाम की पूरी कोशिश कर रही है और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन पर ज़ोर दिया जा रहा है. पायलट ने बताया कि राज्य सरकार ने कर्फ़्यू लगाने में कोताही नहीं की है.
लॉकडाउन के समय में भुखमरी और राशन न मिलने की समस्या पर पायलट ने कहा, 'हम हर ज़रूरतमंद तक पहुंच रहे हैं. गांवों में भी राशन सुनिश्चित किया गया है.' कोटा से छात्रों की वापसी के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छात्रों के खाने पीने का पूरा इंतज़ाम किया है. बच्चे घर जाना चाह रहे हैं तो हम क्या करें ? एक नीति बनानी चाहिए थी केन्द्र सरकार को सिर्फ़ छात्रों के लिए नहीं मज़दूरों के लिए भी. फंसे मज़दूरों का मुद्दा बड़ा मार्मिक है.'
केन्द्र सरकार से आर्थिक मदद पर पायलट ने कहा कि राज्य की आमदनी ख़त्म हो गई है. केन्द्र से मदद के बिना लड़ाई संभव नहीं है. पीपीई और टेस्टिंग किट पर पायलट ने कहा कि किट को लेकर राज्यों की बोली बंद होनी चाहिए. समान और सस्ते दर पर सबको पर्याप्त और सही किट मिलनी चाहिए.
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