संसद में शुक्रवार को रामजस कॉलेज के विवाद का मुद्दा उठा.
नई दिल्ली:
शुक्रवार को राज्य सभा में रामजस कॉलेज में हिंसा, सरकार का रुख और और उस पर हो रही राजनीति का मसला उठा. सीपीएम महासचिव ने सदन की कार्यवाही रोककर रामजस के मुद्दे पर चर्चा की मांग की. सीपीआई के डी राजा ने सदन में विचारों की आजादी का विश्विद्यालयों में हनन होने के मुद्दे पर सवाल उठाया.
सीताराम येचुरी ने मांग की कि रामजस कालेज में हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और विश्वविद्यालयों को राष्ट्रवाद पर बहस का मंच न बनाया जाए. येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, "हिंदुत्व राष्ट्रवाद हमारे भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है. रामजस मामले में पुलिस का रवैया एकतरफा है. हम इस मामले की जांच की मांग करते हैं."
राज्यसभा में जहां रामजस में हिंसा का मामला उठा वहीं लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट के सांसदों ने तेल कंपनियों द्वारा गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडर की कीमत में 86 रुपये की बढ़ोत्तरी करने पर सवाल उठाया. उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आम जनता कीमतों में बढ़ोत्तरी से परेशान है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है. खड़गे ने कहा कि सरकार ने एलपीजी की कीमतों में छह बार बदलाव किया है. इससे आम लोगों पर बोझ बढ़ा है.
सरकार ने सफाई देने में देरी नहीं की. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में बढ़ोत्तरी की वजह से ही तेल कंपनियों को ये फैसला करना पड़ा. अनंत कुमार ने कहा "पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतें 471 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से बढ़कर 564 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई हैं. यानी 90 डालर से ज्यादा की बढ़ोत्तरी. इसी की वजह से गैर-सब्सिडी वाले सिलिंडरों में मामूली बढ़ोत्तरी की गई है."
सरकार की सफाई से असंतुष्ट कांग्रेस, तृणमूल और लेफ्ट के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया. साफ है, चाहे मसला रामजस की हिंसा का हो या फिर एलपीजी सिलिंडरों की कीमतों में बढ़ोत्तरी का, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक फिलहाल नहीं थमने वाली.
सीताराम येचुरी ने मांग की कि रामजस कालेज में हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और विश्वविद्यालयों को राष्ट्रवाद पर बहस का मंच न बनाया जाए. येचुरी ने एनडीटीवी से कहा, "हिंदुत्व राष्ट्रवाद हमारे भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है. रामजस मामले में पुलिस का रवैया एकतरफा है. हम इस मामले की जांच की मांग करते हैं."
राज्यसभा में जहां रामजस में हिंसा का मामला उठा वहीं लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट के सांसदों ने तेल कंपनियों द्वारा गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडर की कीमत में 86 रुपये की बढ़ोत्तरी करने पर सवाल उठाया. उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आम जनता कीमतों में बढ़ोत्तरी से परेशान है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है. खड़गे ने कहा कि सरकार ने एलपीजी की कीमतों में छह बार बदलाव किया है. इससे आम लोगों पर बोझ बढ़ा है.
सरकार ने सफाई देने में देरी नहीं की. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में बढ़ोत्तरी की वजह से ही तेल कंपनियों को ये फैसला करना पड़ा. अनंत कुमार ने कहा "पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतें 471 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से बढ़कर 564 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई हैं. यानी 90 डालर से ज्यादा की बढ़ोत्तरी. इसी की वजह से गैर-सब्सिडी वाले सिलिंडरों में मामूली बढ़ोत्तरी की गई है."
सरकार की सफाई से असंतुष्ट कांग्रेस, तृणमूल और लेफ्ट के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया. साफ है, चाहे मसला रामजस की हिंसा का हो या फिर एलपीजी सिलिंडरों की कीमतों में बढ़ोत्तरी का, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक फिलहाल नहीं थमने वाली.
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