दिल्‍ली हाई कोर्ट का वीरभद्र और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार

दिल्‍ली हाई कोर्ट का वीरभद्र और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार

हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्‍नी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कुर्की की कार्यवाही पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया। हालांकि इसके साथ यह कहा कि फैसला सुनाने वाले प्राधिकार के अंतिम आदेश पर तब तक अमल नहीं किया जाए जब तक कि अस्थायी कुर्की को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाएं लंबित हैं।

नहीं मिली राहत
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के आवेदन पर यह आदेश दिया। दोनों ने 23 मार्च के अस्थायी कुर्की आदेश और धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपने खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। सिंह और उनकी पत्नी ने ईडी के पीएओ के 23 मार्च के आदेश पर इस आधार पर रोक लगाने की मांग की थी कि वह अपने अधिकार क्षेत्र के दायरे में नहीं आती।

पीठ ने उनके आवेदन का निस्तारण कर दिया लेकिन कहा कि कुर्की की प्रक्रिया में फैसला सुनाने वाले प्राधिकार के अंतिम आदेश को तब तक प्रभावी नहीं किया जाएगा जब तक कि पीएओ और कार्यवाही को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता।

अदालत ने उनकी याचिकाओं को वीरभद्र के पुत्र और पुत्री की याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया। वीरभद्र के पुत्र और पुत्री ने भी उनकी कुछ संपत्तियों की अस्थायी कुर्की को चुनौती दी है। अदालत ने वीरभद्र के पुत्र और पुत्री के खिलाफ आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी लेकिन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के संबंध में उसी आदेश को पारित करने से मना कर दिया। पीठ ने कहा कि वह दंपति की दलीलों से सहमत होने में अक्षम है कि उनके मामले में भी उसी तरह का आदेश दिया जाए क्योंकि वीरभद्र के पुत्र और पुत्री का नाम पीएमएलए के तहत दर्ज प्राथमिकी में नहीं है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com