Sports Year Ender 2024: साल 2024 अब लगभग अपने अंतिम मुकाम पर पहुंच चुका है. यह साल खेलों के लिहाज से भारत के लिए काफी खास रहा है. ओलंपिक और पैरालंपिक में मेडल जीतने के साथ-साथ देश के जांबाजों ने शतरंज की बाजी भी अपने नाम की. हम आपको 2024 में खेलों से जुड़े 5 यादगार किस्से बताएंगे, जो भारत के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं हैं. एक तरफ मनु भाकर ने दो मेडल जीतकर देश की झोली मेडल से भर दी और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया तो दूसरी ओर पैरालंपिक में अवनी लेखरा की उपलब्धि भी याद करने योग्य रही.
जेवलिन थ्रो
भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में भारत को इकलौता सिल्वर मेडल दिलाया. उन्होंने दूसरे प्रयास में सीजन का बेस्ट 89.45 स्कोर किया. नीरज ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता. वे ओलंपिक जेवलिन थ्रो में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए. हालांकि, जेवलिन थ्रोअर्स की फेहरिस्त में नीरज चोपड़ा अकेले नहीं हैं. क्योंकि पेरिस पैरालंपिक में सुमित अंतिल ने दूसरी बार गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है. इससे पहले टोक्यो में उन्होंने यही कारनामा किया था. इसके अलावा देश में अपने सेलिब्रेशन के लिए मशहूर हुए नवदीप सिंह ने भी एफ41 इवेंट में 47.32 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.
निशानेबाजी
इस साल हुए पेरिस ओलिंपिक गेम्स 2024 में भारत के बेटे-बेटियों ने खूब मेडल झटके. ओलंपिक में एक ही एडिशन में दो मेडल जीतकर इतिहास रचने का श्रेय मनु भाकर को जाता है. मनु भाकर ने 22 वर्ष की आयु में 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता. 25 मीटर एयर पिस्टल गेम में मनु भाकर ने साथी सरबजोत सिंह के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस ऐतिहासिक जीत के साथ मनु भाकर ने देश का नाम रोशन किया. इसके अलावा स्वप्निल कुसाले ने भी शूटिंग में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया. हालांकि, निशानेबाजी में उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं हो जाती हैं. क्योंकि भारतीय राइफल शूटर अवनी लेखरा ने भी पैरालंपिक गेम्स 2024 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. अवनी ने 10 मीटर एयर पिस्टल में दो मेडल जीते. अवनी ने एक ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम किया. अवनी पहली पैरालंपिक महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक ही इवेंट में दो मेडल जीते.
कुश्ती
अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता. वो 21 साल की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता भी बने. हालांकि, इस खेल में भारत को एक बड़ा झटका भी लगा. दरअसल, विनेश फोगाट ने महिलाओं की 50 किग्रा कॉम्पटीशन में स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन पदक मैच की सुबह निर्धारित वजन माप में वह असफल रहीं और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.
हॉकी
पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम ब्रॉन्ज मेडल को बरकरार रखने में कामयाब रही. भारत ने ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में स्पेन को 2-1 से मात दी थी. इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी भारत के खाते में ब्रॉन्ज मेडल ही आया था. भारत ने 1980 में मॉस्को ओलंपिक के बाद से इन खेलों में अब तक गोल्ड नहीं जीता है. ओलंपिक में जिस खेल में भारत को सबसे ज्यादा सफलता मिली है वो हॉकी ही है.
चेस
इस साल भारत के चेस खिलाड़ियों ने 45वें इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) चेस ओलंपियाड में पुरुष और महिला दोनों वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. टीम चैंपियनशिप जीतने के अलावा भारत ने टूर्नामेंट में व्यक्तिगत गोल्ड मेडल भी जीते. पुरुष टीम में गुकेश डोम्माराजू (गुकेश डी), रमेशबाबू प्रागनानंद, विदित गुजराती, पेंटाला हरिकृष्णा और अर्जुन एरिगैसी, जबकि महिला टीम में हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव शामिल थे.
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