
Commonwealth Games 2026: कॉमनवेल्थ गेम्स का 23वां संस्करण 23 जुलाई से 2 अगस्त 2026 तक ग्लासगो में आयोजित किया जाएगा, जिसमें केवल 10 खेल शामिल होंगे. ग्लासगो 2026 की गेम्स लिस्ट बर्मिंघम 2022 की तुलना में काफी कमजोर है. इसमें हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, टेबल टेनिस, स्क्वैश को शामिल नहीं किया गया है. जबकि शूटिंग, जिसे बर्मिंघम 2022 से भी हटा दिया गया था, वह अभी भी इन खेलों से बाहर है.
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) और ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने ग्लासगो में 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) से निशानेबाजी को बाहर किए जाने पर अपनी 'निराशा' व्यक्त की है. निशानेबाजी ने 1996 के कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनी शुरुआत की थी और 1970 तथा बर्मिंघम में हुए पिछले संस्करण को छोड़कर यह हमेशा इसका हिस्सा रहा.
I am certainly disappointed shooting is not part of CWG 2026 in Glasgow. Our sport has been out of CWG since 2018 and when Victoria was to host it, shooting was included and now it's been removed. I can imagine the disappointment for shooters who were preparing for this event. I…
— Gagan Narang (@gaGunNarang) October 22, 2024
निशानेबाजी उन खेलों में शामिल है, जिसमें भारत के नाम अधिक पदक हैं. भारत ने अब तक इन खेलों में निशानेबाजी में 135 पदक जीते हैं. इसमें 63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य पदक शामिल हैं. एनआरएआई ने एक बयान में कहा, "यह निराशाजनक है कि निशानेबाजी को कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं किया गया है. यह कॉमनवेल्थ गेम्स से बहुत अलग होगा, क्योंकि कई लोकप्रिय ओलंपिक खेलों को इसमें शामिल नहीं किया गया है, जो खेलों का एक कमजोर संस्करण होगा.''
"हम केवल उन लोगों को शुभकामनाएं दे सकते हैं जो इसमें भाग लेंगे. भारत सरकार, खेल मंत्रालय और आईओए ने उन खेलों को शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया, जिनमें भारत पारंपरिक रूप से मजबूत है." 2012 लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने कहा कि इस फैसले से निशानेबाजों को निराशा होगी, जो हर चार साल में होने वाले इस आयोजन की तैयारी कर रहे थे.
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने ग्लासगो में 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स से हॉकी को बाहर रखे जाने पर अफसोस जताया है, लेकिन यह साफ कर दिया गया है कि यह निर्णय सही नहीं है और यह फेरबदल केवल इसी संस्करण से संबंधित है. बढ़ती लागत के कारण 2026 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी से ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य के पीछे हटने के बाद ग्लासगो ने मोर्चा संभाला है. ग्लासगो, जिसने 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों की सफलतापूर्वक मेजबानी की थी, ने मंगलवार को बताया कि वह 2026 में केवल 10 प्रमुख खेलों की मेजबानी करेगा जिसमें हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती और स्क्वैश जैसे प्रमुख खेलों को हटा दिया जाएगा.
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स-2026 से हॉकी को बाहर करने के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और खुलासा किया कि उनकी टीम इस टूर्नामेंट में गोल्ड जीतने का लक्ष्य बना रही थी.
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला से पहले भारतीय पुरुष टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन और हरमनप्रीत ने प्री मैच कॉन्फ्रेंस पर इस मुद्दे पर बात की. फुल्टन ने कहा, "यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, हालांकि मुझे इसके बारे में सोचने के लिए समय चाहिए. फिलहाल हमारा फोकस इस मुकाबले पर है."
हरमनप्रीत ने कहा, "मुझे अभी पता चला. मैं भी यही सोचता हूं. हम उस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य बना रहे थे, लेकिन अब यह खबर सुनकर दुख हुआ. यह हमारे हाथ में नहीं है और हम इसके बारे में अभी ज्यादा सोच भी नहीं सकते. फिलहाल जर्मनी के खिलाफ दो मैच हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं."
भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) के सचिव संजय मिश्रा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से प्रमुख खेलों को बाहर रखे जाने पर निराशा व्यक्त की है, और कहा है कि यह "भारत की बढ़ती खेल क्षमता को दरकिनार करने की साजिश" जैसा लगता है. सचिव ने एक बयान में कहा, "यह चौंकाने वाला है और भारतीय खेलों के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि हटाए गए खेलों के कारण लगभग 40 पदक खतरे में हैं. यह सिर्फ खेल और खिलाड़ियों का नुकसान नहीं है; यह इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती खेल क्षमता को दरकिनार करने की साजिश है."
बैडमिंटन में भारत ने इन खेलों के इतिहास में 10 स्वर्ण, 8 रजत और 13 कांस्य सहित 31 पदक जीते हैं. उल्लेखनीय है कि भारत को 2026 के संस्करण में पुरुष और महिला एकल के साथ-साथ पुरुष युगल में गत विजेता के रूप में प्रवेश करना था.
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