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This Article is From Apr 02, 2019

गांव के खेल पर ग्लैमर का तड़का लगाने की तैयारी, अल्टीमेट खो-खो लीग लांच

गांव के खेल पर ग्लैमर का तड़का लगाने की तैयारी, अल्टीमेट खो-खो लीग लांच
Kho-Kho लीग का आयोजन देश के दो शहरों में किया जाएगा
  • भारतीय खो-खो संघ ने किया शुरुआत का ऐलान
  • दुनियाभर के करीब 400 खिलाड़ी हिस्‍सा लेंगे
  • अभी करीब डेढ़ दर्जन देशों में खेला जाता है खो-खो
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नई दिल्‍ली:

'खो खो' से जुड़ी ख़बरों को अब तक मीडिया में शायद ही कभी तवज्जो मिल पाई है. लेकिन अगले छह महीने में इस खेल की सूरत बदलने की उम्मीद जताई जा रही है.भारतीय खो-खो संघ ने 'अल्टीमेट खो-खो' लीग के शुरुआत का ऐलान किया है. हालांकि ये खेल अब तक मेडल इवेंट के तौर पर एशियाड या ओलिंपिक गेम्स की पहुंच से दूर ही है.  लेकिन पिछले साल ओलिंपिक काउंसिल ऑफ़ एशिया यानी OCA ने इसे एशियन इंडोर गेम्स में प्रदर्शन गेम्स (डिमॉन्स्ट्रेशन स्पोर्ट) के तौर पर शामिल कर लिया है. इससे इसके अगले एशियन गेम्स में इसे शामिल किये जाने की उम्मीद बढ़ गई है. इससे जुड़े अधिकारी ये भी दावा कर रहे हैं कि अगर ये खेल अगले एशियाड में शामिल किया गया तो भारत उसमें पुरुष और महिला स्पर्धाओं में गोल्ड मेडल जीत सकता है.

फ़िलहाल की योजना के मुताबिक लीग में 8 टीमें होंगी. सभी टीम के 12-12 खिलाड़ियों की टीम के अलावा 'अल्टीमेट खो खो' में दुनिया भर के क़रीब 400 खिलाड़ियों को हिस्सा लेने का मौक़ा मिल सकेगा. फ़िलहाल पहले सीज़न में इसका आयोजन दो शहरों में ही किये जाने की बात कही गई है. देश में फ़िलहाल सक्रिय रूप से चल रहे क़रीब दर्जन भर लीग से इस नयी लीग के जुड़ने से ख़ासकर गांव में रहने वाले खिलाड़ियों को फ़ायदा पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. प्रो-कबड्डी लीग की तर्ज पर आयोजक इस लीग के हिट होने की उम्मीद कर रहे हैं. इस लीग में दुनिया भर के क़रीब डेढ़ दर्जन देशों के खिलाड़ियों की बोली लगाई जाएगी. इससे खो खो के खिलाड़ियों को पहली बार पेशेवर तौर पर पैसा मिलेगा. खो खो संघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा कि इस खेल के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने से खिलाड़ियों की नौकरी की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी.

दुनिया के क़रीब डेढ़ दर्जन देशों (भारत, इंग्लैंड, द.कोरिया, ईरान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका इत्यादि) में खेले जाने वाले इस खेल को खल मंत्रालय पूरी सहायता देने की बात कर रहा है. दिल्ली में लॉन्च की गई इस लीग में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के सहारे जुड़कर लीग की कामयाबी की उम्मीद  जताई. राठौड़ ने कहा, "इसे प्रायोरिटी स्पोर्ट्स वर्ग में शामिल किए जाने पर बात हो सकती है." खो-खो संघ के चेयरमैन राजीव मेहता ने कहा, "ये भारत का खेल है और हमारी कोशिश है कि इस खेल की खोई गरिमा वापस मिल सके." खेल के लाइव प्रसारण के लिए आयोजक स्पोर्ट्स चैनल्स से क़रार करने की कोशिश में हैं. आयोजकों का मानना है कि इस खेल को नई तकनीक से जोड़कर इसकी नई पैकेजिंग की  जा सकती है. उन्हें उम्मीद है कि नए पैकेज में ये खेल कबड्डी की तरह ही लोकप्रियता हासिल कर सकेगा.

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