अगस्त के महीने में तलोजा में नीले कु्तों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी (फाइल फोटो)
मुंबई:
कुछ दिन पहले नीले कुत्ते से सुर्ख़ियों में आए नवी मुंबई के पास स्थित तलोजा एमआईडीसी की कंपनियां उनके साथ लगातार हो रहे उत्पीड़न के विरोध में मूक प्रदर्शन करने वाली हैं. सोमवार को मुंबई पत्रकार संघ में हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन के सेक्रेटरी जयश्री काटकर ने आरोप लगाया कि स्थानीय नेताओं ने तलोजा एमआईडीसी में मौजूद 936 कंपनियों का हाल बेहाल कर दिया है.
नीले कुत्ते का मामला एक सोची समझी साजिश
स्थानीय नेताओं, नगरसेवकों और असामाजिक संगठित तत्वों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जयश्री काटकर ने कहा कि तलोजा एमआईडीसी को सुर्ख़ियों में लाने और इलाके को बदनाम करने की मंशा के साथ इलाके के एक कुत्ते को जानबूझकर नीले रंग में डाला गया और उसके बाद इलाके में मौजूद कंपनियों से हो रहे प्रदूषण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. नीले कुत्ते पर कराई गई जांच के विषय में काटकर ने बताया कि कुत्तों पर प्रदूषण या कंपनियों का कोई असर नहीं है और यह किसी की सोची समझी साजिश है.
खतरे में 936 कंपनियां
प्रेस कांफ्रेंस में स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रोहित सचदेव ने बताया कि लगातार हो रहे दखल से लोगों को काम करने में दिक्कत हो रही है जिसके कारण कई कंपनियां तलोजा से निकलकर किसी दूसरे इलाके में जाने पर विचार कर रही हैं. आपको बता दें की तलोजा एमआईडीसी का वार्षिक व्यापार करीब एक लाख करोड़ रुपये का है और यहां पर करीब 2 से 3 लाख लोगों को रोज़गार मिल रहा है. ऐसे में कंपनियों का तलोजा इलाके से निकलना स्थानीय लोगों के लिए अच्छी बात नहीं होगी.
कई बार कर चुके हैं मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश
तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि उन्हें पिछले कुछ सालों से कारोबार करने में दिक्कत हो रही और पिछले एक साल में उन्होंने कई बार राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे इस मामले में मिलने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके कारण वो यह प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए मजबूर हुए.
23 नवंबर को करेंगे 'पीस मार्च'
कारोबार में हो रही दखलंदाज़ी के विरोध में तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन और इलाके के अन्य कारोबारी एक पीस मार्च निकालेंगे जिसका मकसद सरकार तक अपनी बात पहुंचाना होगा. एसोसिएशन का यह भी कहना है कि अगर इसके बाद भी सरकार से कोई भी जवाब नहीं मिलता तो वो और भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सकते हैं.
VIDEO: सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है नीला कुत्ता
नीले कुत्ते का मामला एक सोची समझी साजिश
स्थानीय नेताओं, नगरसेवकों और असामाजिक संगठित तत्वों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जयश्री काटकर ने कहा कि तलोजा एमआईडीसी को सुर्ख़ियों में लाने और इलाके को बदनाम करने की मंशा के साथ इलाके के एक कुत्ते को जानबूझकर नीले रंग में डाला गया और उसके बाद इलाके में मौजूद कंपनियों से हो रहे प्रदूषण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. नीले कुत्ते पर कराई गई जांच के विषय में काटकर ने बताया कि कुत्तों पर प्रदूषण या कंपनियों का कोई असर नहीं है और यह किसी की सोची समझी साजिश है.
खतरे में 936 कंपनियां
प्रेस कांफ्रेंस में स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रोहित सचदेव ने बताया कि लगातार हो रहे दखल से लोगों को काम करने में दिक्कत हो रही है जिसके कारण कई कंपनियां तलोजा से निकलकर किसी दूसरे इलाके में जाने पर विचार कर रही हैं. आपको बता दें की तलोजा एमआईडीसी का वार्षिक व्यापार करीब एक लाख करोड़ रुपये का है और यहां पर करीब 2 से 3 लाख लोगों को रोज़गार मिल रहा है. ऐसे में कंपनियों का तलोजा इलाके से निकलना स्थानीय लोगों के लिए अच्छी बात नहीं होगी.
कई बार कर चुके हैं मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश
तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि उन्हें पिछले कुछ सालों से कारोबार करने में दिक्कत हो रही और पिछले एक साल में उन्होंने कई बार राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने उनसे इस मामले में मिलने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके कारण वो यह प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए मजबूर हुए.
23 नवंबर को करेंगे 'पीस मार्च'
कारोबार में हो रही दखलंदाज़ी के विरोध में तलोजा मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन और इलाके के अन्य कारोबारी एक पीस मार्च निकालेंगे जिसका मकसद सरकार तक अपनी बात पहुंचाना होगा. एसोसिएशन का यह भी कहना है कि अगर इसके बाद भी सरकार से कोई भी जवाब नहीं मिलता तो वो और भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सकते हैं.
VIDEO: सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है नीला कुत्ता
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