मुंबई:
मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के दौरान बहुत-से लोगों की जान बचाकर मशहूर हुए जाने-माने खोजी कुत्ते सीज़र की उपनगर विरार में स्थित एक फार्म में मौत हो गई है.
11-वर्षीय सीज़र उस डॉग स्क्वाड का आखिरी जीवित सदस्य था, जिसने 26/11 के आतंकवादी हमलों के दौरान सहायता और बचाव अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई थी. डॉग स्क्वाड में उसके सहयोगी और साथी रहे टाइगर, सुल्तान और मैक्स की हालिया कुछ महीनों में पहले ही मौत हो चुकी है.
पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी अशोक दुधे ने बताया कि अपने साथी टाइगर की मौत के बाद सीज़र डिप्रेशन (अवसाद) का शिकार हो गया था, और उसे जून माह में परेल के पशु अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद उसे पशुओं के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता फिज़ा शाह के विरार स्थित फार्म पर वापस भेज दिया गया था, जहां वह रिटायरमेंट की ज़िन्दगी बसर कर रहा था.
सीज़र की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.
मुंबई के पुलिस आयुक्त दत्ता पडसालगिकर ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर दी श्रद्धांजलि में लिखा, "बहादुर, चौकन्ने और काबिल सीज़र को उसकी सेवाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा... यह हम सबके लिए एक भावुक क्षण है..."
लैब्राडोर प्रजाति का सीज़र वर्ष 2005 से 2013 तक मुंबई पुलिस के बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोज़ल स्क्वाड (बीडीडीएस) का हिस्सा रहा. मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को शुरू हुए आतंकवादी हमलों के दौरान सीज़र ने कई जानें बचाईं, जब उसने सीएसटी रेलवे स्टेशन पर आतंकियों के छोड़े हुए दो ग्रेनेड सूंघकर ढींढ निकाले. हमले के दौरान सीज़र उस सर्च टीम का हिस्सा भी रहा था, जिसने नरीमन प्वाइंट पर काम किया, जहां आतंकवादी तीन दिन तक छिपे रहे थे.
इसके अतिरिक्त मुंबई में वर्ष 2006 के सीरियल ट्रेन धमाकों तथा जुलाई, 2011 में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों के वक्त भी सीज़र की सेवाएं ली गई थीं.
11-वर्षीय सीज़र उस डॉग स्क्वाड का आखिरी जीवित सदस्य था, जिसने 26/11 के आतंकवादी हमलों के दौरान सहायता और बचाव अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई थी. डॉग स्क्वाड में उसके सहयोगी और साथी रहे टाइगर, सुल्तान और मैक्स की हालिया कुछ महीनों में पहले ही मौत हो चुकी है.
पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी अशोक दुधे ने बताया कि अपने साथी टाइगर की मौत के बाद सीज़र डिप्रेशन (अवसाद) का शिकार हो गया था, और उसे जून माह में परेल के पशु अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद उसे पशुओं के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता फिज़ा शाह के विरार स्थित फार्म पर वापस भेज दिया गया था, जहां वह रिटायरमेंट की ज़िन्दगी बसर कर रहा था.
सीज़र की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.
मुंबई के पुलिस आयुक्त दत्ता पडसालगिकर ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर दी श्रद्धांजलि में लिखा, "बहादुर, चौकन्ने और काबिल सीज़र को उसकी सेवाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा... यह हम सबके लिए एक भावुक क्षण है..."
लैब्राडोर प्रजाति का सीज़र वर्ष 2005 से 2013 तक मुंबई पुलिस के बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोज़ल स्क्वाड (बीडीडीएस) का हिस्सा रहा. मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को शुरू हुए आतंकवादी हमलों के दौरान सीज़र ने कई जानें बचाईं, जब उसने सीएसटी रेलवे स्टेशन पर आतंकियों के छोड़े हुए दो ग्रेनेड सूंघकर ढींढ निकाले. हमले के दौरान सीज़र उस सर्च टीम का हिस्सा भी रहा था, जिसने नरीमन प्वाइंट पर काम किया, जहां आतंकवादी तीन दिन तक छिपे रहे थे.
इसके अतिरिक्त मुंबई में वर्ष 2006 के सीरियल ट्रेन धमाकों तथा जुलाई, 2011 में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों के वक्त भी सीज़र की सेवाएं ली गई थीं.
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