
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी के बीच समझौता नहीं हो पाया है
भोपाल:
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन नहीं हो पाया है. बीएसपी का इस राज्य में समाजवादी पार्टी की तुलना में बहुत ज्यादा मजबूत है. कांग्रेस की पूरी कोशिश रही कि उसका बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ हो जाए लेकिन मायावती ने शुरू में ही कह दिया था कि सम्मानजनक सीटें मिलने के बाद ही वह किसी पार्टी के साथ गठबंधन करेगी. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि मध्य प्रदेश में भले ही बीएसपी के साथ गठबंधन न हो पाया हो, इसका असर चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर बिलकुल नहीं पड़ेगा. सवाल इस बात का है कि आखिर कांग्रेस के नेता इतना कूल क्यों हैं? दरअसल इसके पीछे एक समीकरण भी हो सकता है. एससी/एसटी एक्ट का संशोधित कानून बनने के बाद से मध्य प्रदेश में सवर्णों के गुस्से का सामना बीजेपी को करना पड़ रहा है. हालांकि बीजेपी के रणनीतिकारों को लगता है कि सवर्ण उसको छोड़कर नहीं जाएंगे और ओबीसी भी उसके साथ बने रहेंगे और अगर थोड़ा बहुत इसमें अंतर आता है तो इसका पूर्ति एससी/एसटी वोटबैंक से हो जाएगी क्योंकि नया कानून बनने के बाद ये वोटबैंक भी उससे दूर नहीं जाएगा. लेकिन बीजेपी का यह दांव गलत भी साबित हो सकता है और कांग्रेस की रणनीति यहीं से शुरू होती दिखाई दे पड़ रही है.
बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाला सर्वे: MP, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से भाजपा की विदाई, कांग्रेस की हो सकती है सत्ता में वापसी
मध्य प्रदेश में सवर्ण सवर्ण (ठाकुर+वैश्य+ब्राह्मण) और अन्य पिछड़ वर्ग के संगठन सपाक्स ने राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे जुड़े लोग एससी/एसटी संशोधन एक्ट से नाराज हैं और जगह-जगह प्रदर्शन भी कर रहे हैं. हालांकि इसका असर कितना होगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा लेकिन वह बीजेपी के सवर्ण और ओबीसी वोट काट सकते हैं. लेकिन कांग्रेस की यही कोशिश है कि राज्य में सवर्णों को बीजेपी के खिलाफ खूब भड़काया जाए. इसके साथ ही कांग्रेस नेता यह भी बता रहे है कि सीबीआई और ईडी के डर से मायावती ने बीजेपी के साथ अंदर ही अंदर समझौता कर लिया है इसीलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाया है. ऐसा करने हो सकता है कि सवर्णों का गुस्सा कांग्रेस के लिए फायदा कर जाए.
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित 5 राज्यों में चुनाव का शंखनाद : जानें नामांकन और वोटिंग की कब है तारीख
यानी कांग्रेस की कोशिश है कि बीजेपी के वोट बैंक का किसी बंटवारा हो जाए और बाकी अल्पसंख्यकों और ओबीसी का वोट उसके खाते में सीधे आए जाए. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 15.2 फीसदी, और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20.8 फीसदी है. सूबे में अनुसूचित जाति की 35 सीटें हैं, जिसमें फिलहाल 28 पर बीजेपी काबिज है. 47 अनुसूचित जनजाति बहुत सीटों में 32 पर बीजेपी का कब्जा है. मध्य प्रदेश में बसपा को 7 फीसद वोट मिलते रहे हैं, उसके पास 4 विधायक हैं. जीजीपी और छोटे दलों को लगभग 6 फीसद वोट मिले थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक
बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाला सर्वे: MP, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से भाजपा की विदाई, कांग्रेस की हो सकती है सत्ता में वापसी
मध्य प्रदेश में सवर्ण सवर्ण (ठाकुर+वैश्य+ब्राह्मण) और अन्य पिछड़ वर्ग के संगठन सपाक्स ने राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे जुड़े लोग एससी/एसटी संशोधन एक्ट से नाराज हैं और जगह-जगह प्रदर्शन भी कर रहे हैं. हालांकि इसका असर कितना होगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा लेकिन वह बीजेपी के सवर्ण और ओबीसी वोट काट सकते हैं. लेकिन कांग्रेस की यही कोशिश है कि राज्य में सवर्णों को बीजेपी के खिलाफ खूब भड़काया जाए. इसके साथ ही कांग्रेस नेता यह भी बता रहे है कि सीबीआई और ईडी के डर से मायावती ने बीजेपी के साथ अंदर ही अंदर समझौता कर लिया है इसीलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाया है. ऐसा करने हो सकता है कि सवर्णों का गुस्सा कांग्रेस के लिए फायदा कर जाए.
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित 5 राज्यों में चुनाव का शंखनाद : जानें नामांकन और वोटिंग की कब है तारीख
यानी कांग्रेस की कोशिश है कि बीजेपी के वोट बैंक का किसी बंटवारा हो जाए और बाकी अल्पसंख्यकों और ओबीसी का वोट उसके खाते में सीधे आए जाए. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 15.2 फीसदी, और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20.8 फीसदी है. सूबे में अनुसूचित जाति की 35 सीटें हैं, जिसमें फिलहाल 28 पर बीजेपी काबिज है. 47 अनुसूचित जनजाति बहुत सीटों में 32 पर बीजेपी का कब्जा है. मध्य प्रदेश में बसपा को 7 फीसद वोट मिलते रहे हैं, उसके पास 4 विधायक हैं. जीजीपी और छोटे दलों को लगभग 6 फीसद वोट मिले थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं