दीनदयाल रसोई योजना (फाइल फोटो)
भोपाल:
मध्य प्रदेश में एनडीटीवी की खबर ने जो असर दिखाया है, उसका नतीजा अब ये है कि मध्य प्रदेश के कम से कम दो जिलों में राज्य सरकार द्वारा संचालित दीनदयाल रसोई योजना बंद नहीं होगी. सरकार ने मदद के वास्ते चेक भिजवा दिये हैं. बता दें कि एनडीटीवी ने दिखाया था कि कैसे राज्य में शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री 12 साल पूरे कर लिये और इस मौके पर राज्य में जश्न आयोजित हो रहा है. सरकार अपनी उपलब्धियां गिनवा रही है, मगर कई योजनाएं दम तोड़ रही हैं, जिसमें से एक थी 'दीनदयाल रसोई योजना.'
मगर एनडीटीवी की खबर के असर के बाद दीनदयाल रसोई में आंच मद्धम नहीं होगी और 5 रुपये में ग़रीब अपना पेट भर सकेंगे. एनडीटीवी इंडिया पर खबर दिखाए जाने के बाद रसोई के संचालकों तक मदद की राशि पहुंच गई है. सीहोर में दीनदयाल रसोई के संचालक प्रदीप शर्मा ने कहा "मैं एनडीटीवी का बहुत शुक्रगुजार हूं, जहां खबर प्रमुखता से चलने के बाद प्रशासन ने मुझे डेढ़ लाख का चेक दिया."
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सरकारी मदद के पहुंचने से यहां खाना खाने वाले राहत की सांस ले रहे हैं. चंद्रेश का कहना है "मैं यहां 6 महीने से खाना खा रहा हूं, 5 रुपये की पर्ची कटवा कर खा लेता हूं. 5 बच्चे हैं, मज़दूरी करता हूं. अगर ये बंद हो जाता तो हमें बहुत दिक्कत होती. वहीं दिलीप मालवीय ने कहा, इससे हज़ारों गरीबों का पेट पलता है. ये बंद हो जाता तो हमें बहुत दिक्कत होती. ये बंद नहीं होना चाहिये, यहां 40 रुपये बराबर का खाना 5 रुपये में मिल जाता है."
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तमिलनाडू की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर मध्य प्रदेश में अप्रैल के महीने में दीनदयाल रसोई शुरू हुई. इसके बाद यूपी में प्रभू की रसोई आई. हालत ये हुई कि फोटो खिंच गये लेकिन जब वाकई गरीब इस रसोई से निवाला खाना लगे तो सरकार हाथ पीछे खींचती दिखी. सवाल पूछने पर सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा था कि "ये सही है योजना शुरू में बहुत सफलता से चली लेकिन कुछ जिलों में कमजोर हो रही है, प्रभावी तौर से योजना चले इस बारे में हम फैसला करेंगे."
VIDEO: GROUND REPORT : मध्य प्रदेश में दम तोड़ रही दीनदयाल रसोई
मगर एनडीटीवी की खबर के असर के बाद दीनदयाल रसोई में आंच मद्धम नहीं होगी और 5 रुपये में ग़रीब अपना पेट भर सकेंगे. एनडीटीवी इंडिया पर खबर दिखाए जाने के बाद रसोई के संचालकों तक मदद की राशि पहुंच गई है. सीहोर में दीनदयाल रसोई के संचालक प्रदीप शर्मा ने कहा "मैं एनडीटीवी का बहुत शुक्रगुजार हूं, जहां खबर प्रमुखता से चलने के बाद प्रशासन ने मुझे डेढ़ लाख का चेक दिया."
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सरकारी मदद के पहुंचने से यहां खाना खाने वाले राहत की सांस ले रहे हैं. चंद्रेश का कहना है "मैं यहां 6 महीने से खाना खा रहा हूं, 5 रुपये की पर्ची कटवा कर खा लेता हूं. 5 बच्चे हैं, मज़दूरी करता हूं. अगर ये बंद हो जाता तो हमें बहुत दिक्कत होती. वहीं दिलीप मालवीय ने कहा, इससे हज़ारों गरीबों का पेट पलता है. ये बंद हो जाता तो हमें बहुत दिक्कत होती. ये बंद नहीं होना चाहिये, यहां 40 रुपये बराबर का खाना 5 रुपये में मिल जाता है."
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