
मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विधानसभा में विधायकों के हंगामे पर लगाम लगाने के प्रयास सत्र शुरू होने से पहले तेज हो गए है. कांग्रेस ने विधानसभा में होने वाले हंगामे को रोकने के लिए विधायकों का वेतन-भत्ता काटने पर मन बनाया है. राज्य के संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि विधानसभा चर्चा और सहमति से चलेगी न कि हंगामे से. हंगामे के लिए सड़क है. लिहाजा विधानसभा में हंगामा न हो इसके लिए हंगामा करने वाले विधायकों के वेतन-भत्तों को काटा जाएगा, इसके लिए प्रस्ताव लाया जा रहा है.
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वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा का कहना है कि पूर्व विधानसभा में भी हंगामा रोकने के लिए प्रस्ताव लाया जाने वाला था. सदन हमेशा आपसी सहमति से चलते हैं, सरकार के रुतबे से नहीं. जो भी व्यवस्था होगी वह सहमति के आधार पर होगी, सरकार मनमाना करेगी तो विपक्ष उसका विरोध करेगा.
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चुनाव से पहले कांग्रेस ने वचन पत्र में सदन में हंगामा रोकने का भरोसा दिलाया था. उसी के तहत हंगामा रोकने के लिए यह नियम कानून बनाया जा रहा है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ है और वहां बीजेपी की सत्ता उखाड़ फेंकी है. (इनपुट आईएएनएस)
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