
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से आज कहा कि आज पूरी दुनिया एक कठिन दौर से गुजर रही है और इसमें भारत भी शामिल है. भारत में भी अभी कोरोना का प्रकोप चरम पर है और हम सब उससे चिंतित भी हैं. इसके लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने अलग-अलग ढंग से तैयारी शुरु की है. राज्य सरकारों ने अपनी-अपनी तैयारी की है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे पहले हम लोगों ने जो फैसला लिया 13 मार्च को कि चाहे आंगनवाडी हों, चाहे प्राइमरी स्कूल हों, मिडल स्कूल हों, कॉलेज हों, शापिंग माल हों, टॉकिज, इन सबको हमने बंद किया और इसके साथ-साथ मंत्रालय को भी हमने बंद किया और सभी अधिकारियों से कहा कि आप अपने घरों से ही काम संचालित करें, बहुत आवश्यक हो तभी किसी कर्मचारी को अपने निवास या ऑफिस बुला कर काम करें. इस प्रकार के निर्देश 13 मार्च को ही दे दिए गए थे. 15 मार्च को सबसे पहला टेस्ट हुआ और 18 मार्च को पहला पॉजिटिव केस हमें मिला. उसी दिन से पूरे प्रदेश में धारा 144 हमने लागू कर दी थी और 21 मार्च को हमने पूरे प्रदेश में लॉकडाउन कर दिया था, पूरे शहरों को. 18 तारीख को जब पहला केस मिला, तो उसी समय वहाँ जिस एरिया में वो पहला मरीज लिया, उस एरिया को हमने सील कर दिया था, किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं थी और एक–एक को चैक करना शुरू किया.
दो दिन बाद हमें तीन और केस मिले और केस हिस्ट्री हमने देखी तो उसमें मैक्सिमम मरीज जो हमें मिल रहे हैं वो यूके से यात्रा करके लौटे हैं, वो पॉजिटिव मिले. हमारे यहां छत्तीसगढ़ में कई सौ व्यक्ति विदेश यात्रा करके लौटे थे, उन्हें तुरंत तत्काल क्वारेंटांइन में रखा और उसके बाद जो यूके से आए थे, हमारे पास टेस्टिंग किट सीमित था, तो सबसे पहले हमने निर्णय लिया, क्योंकि ट्रेंड दिखाई दे रहा था कि यूके से आए ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, हमें 90 लोग मिले और सभी 90 लोगों की हमने जांच की.
हमारे यहां सबसे विशेष बात ये रही है कि जहां ये कहा गया कि 21 दिन में या 14 दिन में कोरोना का प्रभाव, चेन खत्म हो जाता है, लेकिन हम देखा कि जिनको कोई सिम्टमस नहीं था, उसकी भी जांच की, तो वो भी पॉजिटिव मिला. एक केस है जो 18 दिन तक क्वारेंटांइन में रहा, उसमें कोई सिम्टमस नही था, फिर भी पॉजिटिव मिला. एक केस जो फरवरी में जो विदेश यात्रा करके यात्री लौटा था, उसका भी टेस्ट किया गया तो 2 महीने बाद वो पॉजिटिव मिला. इस प्रकार हमने देखा कि बिना सिम्टमस के भी कोरोना कैरियर के रुप में लोग हैं. उसके बाद जितने भी उसके परिवार के लोग हैं, उन सबको भी क्वारेंटांइन में रखा.
उन्होंने कहा कि अभी छत्तीसगढ़ में कुल 76,000 लोग होम क्वारंटीन में हैं, क्वारेंटाइंन में भी लोग हैं, लेकिन होम क्वारेंटांइन में उनकी पूरी देख-रेख से संबंधित थानेदार है, हेल्थ वर्कर हैं, महिला विकास विभाग के जो कर्मचारी हैं, नगर निगम के कर्मचारी लगातार मॉनिटिरिंग कर रहे हैं कि वो अपने घरों निकल रहे हैं या नहीं, पड़ोसियों को भी बता दिया गया है.
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