दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी जो दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आने से पहले ही EVM को अपना हार का जिम्मेदार ठहरा रही थी और बुधवार को नतीजे आते ही बीजेपी की जीत को मोदी लहर की बजाय EVM लहर बता रही थी, अब EVM के बारे में ज़्यादा नहीं बोल रही है बल्कि यूं कहें कि पार्टी ने गुरुवार को EVM का मुद्दा उठाया ही नहीं. दरअसल बुधवार को नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद एक के बाद एक पार्टी के नेता EVM की बजाय ज़मीनी हक़ीक़त और दूसरे मुद्दों को हार का ज़िम्मेदार बताने लगे. सबसे पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नाम सांसद भगवंत मान ने द ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में कहा, "ईवीएम में गड़बड़ी खोजने का फ़ायदा नहीं है. चुनावी रणनीति पर पार्टी आलाकमान से ऐतिहासिक भूल हुई है. हार की वजहें अपने भीतर खोजने की ज़रूरत है. पंजाब में हार के लिए आलाकमान ज़िम्मेदार है."
इसके बाद पार्टी विधायक अल्का लांबा ने कहा कि मुझे EVM का नहीं पता लेकिन मेरे इलाके में जो स्थिति है उसे देखते हुए मुझे लगता है मैं शायद लोगों तक पहुंचने में या अपने काम को उन तक पहुंचाने में नाकाम रही, इसलिये ज़िम्मेदारी लेते हुए मैं विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश करती हू.' इसके बाद अरविंद केजरीवाल से मिलने आये पार्टी के विधायकों ने केजरीवाल को और मीडिया को बताया कि हार की वजह EVM ना होकर कुछ और थी.
पार्टी के लक्ष्मी नगर विधायक नितिन त्यागी ने कहा कि, "मुझे लगता है कहीं ना कहीं संवाद की कमी रही और हम जनता तक अपनी बात सही से पहुंचा नहीं पाये, इसलिये ऐसा हुआ." आम आदमी पार्टी पर अपने ही लोगों का दबाव बना और पार्टी ने बजाय EVM पर सारा दोष मढ़ने के EVM के साथ दूसरे मुद्दों पर भी ध्यान देने का फैसला किया. बुधवार शाम को सबसे पहले दिल्ली संयोजक दिलीप पांडेय ने इस्तीफ़ा दिया. इसके बाद दिल्ली प्रभारी आशीष तलवार ने इस्तीफा दिया.
पंजाब में पार्टी की हार ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रभारी संजय सिंह और सह प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भी इस्तीफा दे दिया. संजय सिंह ने कहा, "EVM का मुद्दा बरकरार है लेकिन अगर पार्टी हारी है तो ज़िम्मेदारी तो लेनी होगी. हम अभी तक केवल MCD चुनाव के चलते रुके हुए थे. अब चुनाव हो गए इसलिये ज़िम्मेदारी लेते हुए हमने इस्तीफ़ा दिया है." इस्तीफों को स्वीकार करते हुए पार्टी ने दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय को दिल्ली का संयोजक बनाने का फैसला भी कर लिया है. लेकिन इतनी बुरी हार के बाद पार्टी में असंतोष और नेताओं के बीच मतभेद चरम पर हैं. आने वाले दिनों में इस मोर्चे पर बहुत कुछ देखने को मिल सकता है.
इसके बाद पार्टी विधायक अल्का लांबा ने कहा कि मुझे EVM का नहीं पता लेकिन मेरे इलाके में जो स्थिति है उसे देखते हुए मुझे लगता है मैं शायद लोगों तक पहुंचने में या अपने काम को उन तक पहुंचाने में नाकाम रही, इसलिये ज़िम्मेदारी लेते हुए मैं विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश करती हू.' इसके बाद अरविंद केजरीवाल से मिलने आये पार्टी के विधायकों ने केजरीवाल को और मीडिया को बताया कि हार की वजह EVM ना होकर कुछ और थी.
पार्टी के लक्ष्मी नगर विधायक नितिन त्यागी ने कहा कि, "मुझे लगता है कहीं ना कहीं संवाद की कमी रही और हम जनता तक अपनी बात सही से पहुंचा नहीं पाये, इसलिये ऐसा हुआ." आम आदमी पार्टी पर अपने ही लोगों का दबाव बना और पार्टी ने बजाय EVM पर सारा दोष मढ़ने के EVM के साथ दूसरे मुद्दों पर भी ध्यान देने का फैसला किया. बुधवार शाम को सबसे पहले दिल्ली संयोजक दिलीप पांडेय ने इस्तीफ़ा दिया. इसके बाद दिल्ली प्रभारी आशीष तलवार ने इस्तीफा दिया.
पंजाब में पार्टी की हार ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रभारी संजय सिंह और सह प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भी इस्तीफा दे दिया. संजय सिंह ने कहा, "EVM का मुद्दा बरकरार है लेकिन अगर पार्टी हारी है तो ज़िम्मेदारी तो लेनी होगी. हम अभी तक केवल MCD चुनाव के चलते रुके हुए थे. अब चुनाव हो गए इसलिये ज़िम्मेदारी लेते हुए हमने इस्तीफ़ा दिया है." इस्तीफों को स्वीकार करते हुए पार्टी ने दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय को दिल्ली का संयोजक बनाने का फैसला भी कर लिया है. लेकिन इतनी बुरी हार के बाद पार्टी में असंतोष और नेताओं के बीच मतभेद चरम पर हैं. आने वाले दिनों में इस मोर्चे पर बहुत कुछ देखने को मिल सकता है.
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