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This Article is From Apr 06, 2019

लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को इन मुद्दों पर लग सकता है झटका, 42 सीटों पर ADR का चौंकाने वाला सर्वे

राजनीतिक सुधारों की दिशा में काम करने वाली संस्था एडीआर ने पश्चिम बंगाल में एक सर्वे कर वहां की जनता के मुद्दों और ममता बनर्जी सरकार के कामकाज को परखने की कोशिश की. मानकों पर सरकार विफल साबित होती नजर आ रही है.

लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को इन मुद्दों पर लग सकता है झटका, 42 सीटों पर ADR का चौंकाने वाला सर्वे
एडीआर के सर्वे की मानें तो पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार जनता से जुड़े मुद्दों का समाधान करने में विफल साबित हुई है.
नई दिल्ली:

राजनीतिक सुधारों की दिशा में काम करने वाली संस्था एडीआर ने पश्चिम बंगाल में एक सर्वे कर वहां की जनता के मुद्दों और ममता बनर्जी सरकार के कामकाज को परखने की कोशिश की. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जारी यह रिपोर्ट ममता बनर्जी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली है. क्योंकि एडीआर ने जनता की अपेक्षाओं पर सरकार के प्रदर्शन की पड़ताल की तो यह औसत से भी कम रहा. अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच सर्वे कर तैयार इस रिपोर्ट में जनता से जुड़े दस अहम मुद्दों के आधार पर सरकार के काम-काज का परीक्षण किया गया. रिपोर्ट में तीन केटगरी GOOD, AVERAGE और BAD का उपयोग किया गया था, जहां GOOD के लिए पांच अंक, औसत को 3 और BAD के लिए 1 अंक निर्धारित किया गया. एडीआर ने सर्वेक्षण में पश्चिम बंगाल की सभी 42 संसदीय क्षेत्रों से करीब 21 हजार लोगों से बात कर यह रिपोर्ट जारी की है. राज्य में जनाधार बढ़ाने में जुटी बीजेपी अगर इन मुद्दों को भुनाने में सफल रही तो ममता बनर्जी सरकार को लोकसभा चुनाव में तगड़ा झटका लग सकता है.

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सर्वे की प्रमुख बातें
पश्चिम बंगाल सर्वे 2018 से पता चलता है कि जनता रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा मानती है. इस मुद्दे को 39.28 प्रतिशत लोगों ने उठाया. इसी तरह कृषि लोन की उपलब्धता(35.86) और कृषि उत्पादों की ऊंची कीमत तीसरा बड़ा मुद्दा है. इन तीन अहम मुद्दों के आधार पर सरकार के प्रदर्शन की बात करें तो रोजगार के मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार को 5 में 2.16 अंक, कृषि लोन में 2.26 और कृषि उत्पादों की ऊंची कीमत के मुद्दे पर 2.22 अंक मिले. यानी इन तीन मुद्दों पर राज्य सरकार का प्रदर्शन औसत से भी कम रहा. वहीं पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाके की बात करें तो 49 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ा मुद्दा कृषि लोन का रहा. वहीं दूसरे स्थान पर कृषि वस्तुओं की कीमतें और खाद तथा बीज पर सब्सिडी को जनता ने प्रमुख मुद्दा बताया. यहा् तक कि खेत सिंचाई के लिए पानी , बेहतर परिवहन साधन भी उपलब्ध कराने में भी सरकार विफल रही.

एडीआर का ये है ऑल इंडिया सर्वे
लोकसभा चुनाव के मौसम में एडीआर ने राज्यों के अलावा ऑल इंडिया सर्वे रिपोर्ट भी जारी की है. जिससे पता चलता है कि जनता के मुद्दों पर केंद्र से लेकर राज्य सरकारों का प्रदर्शन औसत से भी खराब रहा है. एडीआर की ओर से यह सर्वे देश की 534 संसदीय सीटों पर किया गया. देश भर की जनता ने इस दौरान अपनी प्राथमिकताएं बताईं. जनता ने रोजगार को 46.80 प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान पर रखा. वहीं दूसरे नंबर पर 34.60 प्रतिशत के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता बताया. इसके बाद पेयजल(30.50 %), अच्छी सड़कें(28.34%), बेहतर परिवहन(27.35%), खेती के लिए पानी(26.40%), कृषि लोन(25.62%), कृषि उत्पादों का अधिकतम मूल्य(25.41%), बीज और उर्वरकों पर सब्सिडी(25.06%), सुदृढ़ कानून व्यवस्था(23.95%) को जनता ने अपनी प्राथमिकता बताई. एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में इन मुद्दों के आधार पर सरकार के प्रदर्शन को औसत से खराब करार दिया है. सरकार ने कुछ प्रमुख राज्यों की भी अलग से रिपोर्ट से जारी की है. 

वीडियो- दागियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एडीआर चीफ ने बताया निराशाजनक 


 

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