सितबंर 2016 में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो में AFSPA हटाने पर अपनी सफाई पेश की. एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी रिपोर्ट में AFSPA का का कोई उल्लेख नहीं है और न ही कश्मीर घाटी में जरूरी सैनिकों की संख्या का कोई जिक्र है, क्योंकि मेरा मानना है कि ये ऐसे फैसले हैं, जोकि एक व्यापक रणनीति तैयार होने के बाद ही लिए जा सकते हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही डी एस हुड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 42 पेज का राष्ट्रीय सुरक्षा का विस्तृत विजन दस्तावेज सौंपा था. ऐसा कहा जा रहा है कि ले. जनरल (रिटायर्ड) हुड्डा के सुझाव के आधार पर ही कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में AFSPA में बदलाव और राष्ट्रद्रोह की धाराओं में बदलाव की बात कही है.
AFSPA पर कांग्रेस ने ऐसा क्या कह दिया कि BJP देश तोड़ने का आरोप लगा रही है?
कांग्रेस के घोषणा पत्र के इस हिस्से पर गुरुवार को पीएम मोदी ने धावा बोला. कोलकाता में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र, जोकि झूठों से भरा हुआ है. में उस कानून को हटाने की बात कही है जिससे आंतक प्रभावित इलाकों में हमारे सुरक्षा बलों की हिफाजत होती है. उन्होंने कहा कि इस कानून को हटाने का वास्तविक फायदा पाकिस्तान का होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आतंक के सामने हमेशा घुटने टेके हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कहा कि मेरा मानना है कि मौजूदा AFSPA की समीक्षा होनी चाहिए, क्योंकि यह सुरक्षा बलों को पूरी तरीके से हिफाजत मुहैया नहीं कराता है. इसमें कई बड़ी समस्याएं हैं जिन पर गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है. उन्होंने दोबारा साफ किया कि लेकिन मैंने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी इस कानून को हल्का करने या खत्म करने की बात नहीं कही. मैंने सिर्फ समीक्षा की बात कही है. लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने की खबरों को भी खारिज कर दिया. बता दें कि कॉन्ग्रेस के मैनिफेस्टों में AFSPA में बदलाव और राष्ट्रद्रोह की धाराओं में संशोधन की बात को लेकर देश भर में बहस छिड़ गई है.
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