राम मंदिर के मुददे पर स्टैंड
राम मंदिर की बात करें तो पिछली बार की तरह इस बार भी राम मंदिर के प्रति बीजेपी का रवैया आने वाले समय में बहुत निर्णायक साबित होगा. हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन बीजेपी बार-बार यही कहती है कि वह मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. ऐसे में देश को यह भी उम्मीद है कि अपने दूसरे कार्यकाल में पीएम इस मुद्दे पर कोई त्वरित कदम उठा सकते हैं.
किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की मदद
बीजेपी के घोषणापत्र में किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की मदद दिए जाने का वादा किया गया था. अगर पीएम मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो यह उनके द्वारा लिया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण फैसला होगा जो देशभर के किसानों की जिंदगी पर बड़ा असर डालेगा. आज भी कई किसान जरूरतभर कमाई न होने की वजह से आत्महत्या कर लेते हैं, ऐसे में अगर बीजेपी घोषणापत्र में किया गया वादा निभाती है तो निश्चित ही यह इस सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी. हालांकि कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में किसानों को मुख्य जगह दी थी और किसान बजट लाने का वादा किया था. इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीब परिवारों को 72 हजार रुपए सालाना देने का वादा भी किया था. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे कांग्रेस के लिए बहुत अच्छा संदेश लाते नहीं दिख रहे हैं.
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जम्मू-कश्मीर से 35ए हटाने का प्रयास
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर से 35ए हटाने का प्रयास करेंगे. अगर बीजेपी की सरकार बनने के बाद ऐसा कोई कदम उठाया जाता है तो यह निश्चित ही भारत के इतिहास में बड़ा कदम होगा. अनुच्छेद 35-ए संविधान का वह आर्टिकल है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है कि वह राज्य में स्थायी निवासियों को पारिभाषित कर सके.
आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी
बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक और उससे पहले की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश आतंकवाद के खिलाफ और भी ज्यादा कड़े कदम चाहता है. युवा आतंकवाद पर कड़ा एक्शन चाहते हैं. पीएम मोदी ने अपनी कई रैलियों में भी इस बात का जिक्र किया है कि वह आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे. ऐसे में पीएम दोबारा शपथ लेने के बाद आतंकवाद को रोकने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं.
नागरिकता संसोधन बिल
पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में इस बिल को लेकर काफी दिनों से विरोध का सिलसिला जारी है. हालांकि केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपने रुख पर कायम है. पिछले दिनों असम के दौरे पर गए पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जानबूझकर गलत जानकारी फैलाई गई. विपक्ष में बैठी पार्टियों का काम सिर्फ लोगों को गुमराह करना है. पीएम मोदी ने कहा था कि असम के साथ-साथ देश में के किसी भी हिस्से में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है. ऐसे में देखना यह होगा कि पीएम अगर दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या फैसला लेंगे. इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान, और पाकिस्तान के हिंदुओं, बौद्धों, सिखों, पारसियों, जैन, और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है.
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एनआरसी
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के मुताबिक, जिस व्यक्ति का सिटिजनशिप रजिस्टर में नहीं होता है उसे अवैध नागरिक माना जाता है्. इसे 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था. इसमें यहां के हर गांव के हर घर में रहने वाले लोगों के नाम और संख्या दर्ज की गई है. इस मुद्दे पर भी सरकार का रुख देखने लायक होगा.
महिला सशक्तिकरण
तीन तलाक, निकाह हलाला जैसी प्रथाओं को प्रतिबंधित व समाप्त करने को विधेयक लाने की बाद घोषणापत्र में कही गई. सभी आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता को आयुष्मान भारत के तहत लाने का भी वादा किया गया. कम से कम 50% महिला कर्मचारी रखने वाले MSME उद्योगों द्वारा सरकार के लिए 10% उत्पाद खरीद के बारे में भी दावे किए गए. अब देखना यह होगा कि नई सरकार में कितना काम होता है.
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