कलकत्ता उच्च न्यायालय से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने अमित शाह के खिलाफ दर्ज एक मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है. आपको बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) पर जनवरी में अपने भाषण से हिंसा के लिये लोगों को उकसाने के संबंध में मामला दर्ज किया गया था. न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने शाह के खिलाफ कार्यवाही पर चार हफ्ते की रोक लगाते हुए सवाल पूछा कि शाह के इस दावे से कैसे हिंसा भड़क सकती है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में मतगणना के दिन पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार गिर सकती है?
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गौरतलब है कि अमित शाह (Amit Shah) ने अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी को रद्द करने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दावा किया था कि आरोप ओछे और मनगढ़ंत हैं. सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि पूर्वी मिदनापुर जिले के कोनटाई में हिंसा के असली षड्यंत्रकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज न कर उस व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जो भाषण दे रहा था. प्रदेश की तरफ से पेश हुए लोक अभियोजक शाश्वत मुखर्जी ने कहा कि कोनटाई पुलिस थाने में दो अन्य मामले भी दर्ज किये गए थे जिनमें कुछ आरोपियों को हिंसा और आगजनी के लिये नामजद किया गया था.
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उन्होंने माना कि अमित शाह (Amit Shah) का नाम उन प्राथमिकियों में नहीं था. कोनटाई उप-मंडलीय जिला मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) अदालत में प्राथमिकी के आधार पर शाह के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने निर्देश दिया कि मामला दो हफ्ते बाद सुनवाई के लिये पेश किया जाए. (इनपुट-भाषा से भी)
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