Asaduddin Owaisi: अधिवक्ता बनने के बाद ओवैसी ने ऐसे शुरू किया राजनीतिक सफर, जानें यहां...

ओवैसी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

Asaduddin Owaisi: अधिवक्ता बनने के बाद ओवैसी ने ऐसे शुरू किया राजनीतिक सफर, जानें यहां...

असदुद्दीन ओवैसी - (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भारत के दक्षिण राज्यों के राजनीति में असदुद्दीन ओवैसी का नाम तब सुनने को मिला, जब वह साल 2004 में हैदराबाद के लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. ओवैसी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. साल 2004 में सांसद चुने जाने के बाद 2009 और 2014 के आम चुनाव में भी हैदराबाद क्षेत्र से सांसद चुने गए. 2019 के आम चुनाव में वह अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन से फिर एक बार हैदराबाद क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. इसके अलावा, ओवैसी हैदराबाद स्थित ओवैसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष हैं. असदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी भी एक राजनेता थे. वह दो दशक से भी अधिक तक हैदराबाद के सांसद रहे.

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असदुद्दीन ओवैसी का व्यक्तिगत जीवन

असदुद्दीन ओवैसी को मुसलमानों के नेता के तौर पर पहचाना जाता है. ओवैसी का मानना है कि भारत के मुसलमानों की तरक्की मिले और उनके हक की लड़ाई लड़े. देश में होने वाले घटनाओं व विवाद में ओवैसी अपनी राय जरूर रखते हैं. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करके व बेबाक अंदाज में बोलने के लिए जाना जाता रहा है. ओवैसी का जन्म 13 मई 1969 को हैदराबाद में हुआ था. उस्मानिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे उच्च अध्ययन के लिए लंदन चले गए और वहां से वह अधिवक्ता बने. ओवैसी की शादी फरहीन ओवैसी से हुई है. ओवैसी के कुल छह बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और 5 बेटियां शामिल हैं.

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असदुद्दीन ओवैसी का राजनैतिक सफर

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ओवैसी ने ने पहली बार साल 1994 में राजनीति सफर की शुरुआत की. उन्होंने आंध्र प्रदेश की चार मीनार विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था और इसमें उनकी जीत भी हुई थी. ओवैसी ने खुद को राजनीति में मुसलमानों और दलितों जैसे अल्पसंख्यकों के आसपास केंद्रित कर रखा है. असदुद्दीन ओवैसी के दादा अब्दुल वहीद ओवैसी ने राजनीतिक पार्टी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को 1957 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के रूप में फिर से आरंभ किया. कासिम राजवी उनके उत्तराधिकारी थे. असदुद्दीन के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी तेलंगाना विधान सभा के सदस्य हैं. उनके सबसे छोटे भाई बुरहानुद्दीन ओवैसी इत्तेमाद के संपादक हैं. ओवैसी सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण का समर्थन करते हैं. वह यह भी कहते हैं कि वह हिंदुत्ववादी विचारधारा के खिलाफ हैं लेकिन हिंदुओं के खिलाफ नहीं हैं.