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This Article is From Apr 16, 2019

जयपुर में 48 साल बाद महिला उम्मीदवार, 2014 में बीजेपी ने कांग्रेस को 5 लाख से ज्यादा वोटों से दी थी मात

राजस्थान में मीणा समुदाय से हमेशा से ही कांग्रेस के साथ देता रहा है. लेकिन किरोणी लाल मीणा जैसे नेताओं की वजह से बीजेपी के पक्ष में भी इनका झुकाव हुआ था. किरोणी लाल मीड़ा ने भी वसुंधरा से नाराज होकर अलग पार्टी बना ली थी. फिलहाल किरोड़ी लाल अब बीजेपी के साथ फिर आ गए हैं.  

जयपुर में 48 साल बाद महिला उम्मीदवार, 2014 में बीजेपी ने कांग्रेस को 5 लाख से ज्यादा वोटों से दी थी मात
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

राजस्थान में इस बार लोकसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस राज्य में सभी सीटें जीतकर कांग्रेस का सफाया कर दिया था. लेकिन उसके बाद के चुनावों में बीजेपी के वोट प्रतिशत में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई. अजमेर और अलवर में हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार हुई उसके बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी हारकर सत्ता से बाहर हो गई. हालांकि इस चुनाव में एग्जिट  और ओपिनियन पोल बीजेपी की बड़ी हार की ओर संकेत दे रह थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ बीजेपी ने 75 सीटें जीत लीं. वहीं कांग्रेस भी बहुमत के आंकड़े को छू भर पाई थी. इस चुनाव में एक नारा भी सुना गया, 'वसुंधरा तेरी खैर नहीं, मोदी से बैर नहीं' जिसका संकेत था कि जनता पीएम मोदी से नहीं सीएम वसुंधरा राजे से नाराज है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि वसुंधरा राजे की मनमानी से पार्टी संगठन के नेता भी नाराज थे और टिकट बांटने में भी वसुंधरा राजे की  वजह से कई नेता नाराज थे. वसुंधरा से नाराज होकर बीजेपी के कद्दावर नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह जो कि विधायक थे वह भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वहीं पद्मावत विवाद, गुर्जर आंदोलन जैसे मुद्दों को भी वसुंधरा ठीक से संभाल पाने में नाकाम रहीं. राजस्थान में मीणा समुदाय से हमेशा से ही कांग्रेस के साथ देता रहा है. लेकिन किरोणी लाल मीणा जैसे नेताओं की वजह से बीजेपी के पक्ष में भी इनका झुकाव हुआ था. किरोणी लाल मीड़ा ने भी वसुंधरा से नाराज होकर अलग पार्टी बना ली थी. फिलहाल किरोड़ी लाल अब बीजेपी के साथ फिर आ गए हैं.  वहीं बीजेपी के लिए अच्छी बात यह है कि गुर्जर आंदोलन के नेता कर्नल बैंसला भी पार्टी में शामिल हो गए हैं.

किरोड़ी सिंह बैंसला बेटे के साथ हुए बीजेपी में शामिल, राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन से जुड़े थे

बात करते हैं कि राजस्थान की राजधानी जयपुर लोकसभा सीट की तो यहां पिछली बार बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने यहां से ज्योति खंडेलवाल को टिकट दिया है. करीब 48 साल बाद किसी पार्टी ने इस सीट पर महिला उम्मीदवार को उतारा है. इससे पहले 19871 में गायत्री देवी ने तीसरी बार यहां जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने इस बार भी वर्तमान सांसद रामचरन बोहरा को मैदान में उतारा है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामचरन बोहरा ने कांग्रेस के महेश जोशी को 5.40 लाख वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी. बात करें ज्योति खंडेलवाल को तो वह यहां कि मेयर रह चुकी हैं.  इस सीट पर मतदान को 6 मई को होगा और नतीजे 23 मई को आएंगे. 

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