लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) की तैयारियां शुरू हो गई हैं. एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रैलियां कर फिर जीतने का विश्वास जता रहे हैं तो वहीं कांग्रेस (Congress) सहित कई पार्टियां वापसी करने की हर मुमकिन कोशिश में है. ये आजाद भारत का 17वां लोकसभा चुनाव (17th Lok Sabha Elections) होने जा रहा है. लेकिन क्या आपको पता है जब आजाद भारत में पहला चुनाव कैसा हुआ था. चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कैसे लोगों को वोट देने के लिए जागरुक किया जाए. 1950 में संविधान लागू होने के बाद 1951-52 में पहला आम चुनाव हुआ था. 25 अक्टूबर 1951 में चुनाव की शुरुआत हुई और 21 फरवरी 1952 को खत्म हुए. पहला आम चुनाव 4 महीने तक चला था. पहले आम चुनाव में 14 राष्ट्रीय पार्टियां, 39 क्षेत्रीय पार्टियां थीं. 489 लोकसभा सीट के लिए 17.3 करोड़ वोटर थे, लेकिन 44 प्रतिशत लोगों ने ही वोट दिया था. राष्ट्रीय पार्टियों में मुख्य तौर पर कांग्रेस, सीपीआई, भारतीय जनसंघ जैसी पार्टियां थीं.
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लोकसभा की 489 सीटों में से 364 कांग्रेस के खाते में आई थीं और उसे पूर्ण बहुमत मिला था. सीपीआई दूसरी सबसे बड़ी पार्टी उभरकर आई थी. उनको 16 सीटें मिली थी. वहीं एसपी को 12 और भारतीय जनसंघ ने 3 सीटें जीती थीं.
खास बात ये है कि उस समय वोट करने की उम्र 18 साल नहीं बल्कि 21 साल थी. पहले आम चुनाव में सुकुमार सेन देश के मुख्य चुनाव आयोग थे. उनको कई बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. वह चुनाव बैलेट पर हुआ था. चुनाव आयोग ने उस समय ढाई लाख केंद्र बनवाए गए थे. मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक कराए गए थे. .
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