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This Article is From Apr 27, 2017

बहादुर शाह जफर की जिंदगी और शायरी की झलक पेश करती है ये किताब

बहादुर शाह जफर की जिंदगी और शायरी की झलक पेश करती है ये किताब
नयी दिल्ली: लेखक असलम परवेज की नई किताब में अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर के जीवन और उनकी शायरी की झलक देखने को मिलेगी. इस किताब में असलम परवेज ने उस जमाने के सियासी, सांस्कृतिक और साहित्यिक पहलुओं को एक साथ पेश किया है. प्रकाशक हे हाउस ने ‘द लाइफ एंड पोएट्री ऑफ बहादुर शाह जफर’ को इतिहास के एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व का प्रामाणिक और विश्वसनीय वृतांत कहा है.

पुस्तक का प्रकाशन सबसे पहले 1986 में उर्दू में हुआ था जिसमें जफर की जिंदगी और शायरी का वर्णन मिलता है. उन्होंने भारतीय इतिहास की उस महत्वपूर्ण अवधि में भारत का शासन संभाला था जब देश तेजी से बढ़ते ब्रिटिश शासकों का उपनिवेश बन गया था.

इस पुस्तक में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की भी झलक मिलती है.

इसमें जफर के अलावा मिर्जा गालिब, शेख मुहम्मद इब्राहिम जौक और मोमीन खान मोमीन जैसे शायरों के बारे में भी लिखा गया है.

लेखक ने इस किताब में मुगलों की राजधानी रहते दिल्ली की सांस्कृतिक और साहित्यिक भव्यता की और उर्दू साहित्य एवं शायरी की संरक्षक के तौर पर उजली तस्वीर पेश की है.

पुस्तक के अंत में उन्होंने बड़े मार्मिक तरीके से यह बताने का प्रयास किया है कि जफर ने अपने अंतिम दिनों को रंगून में बिताया था और अंग्रेजों द्वारा निर्वासित किये जाने के बाद वह किस तरह अपनी प्यारी दिल्ली से दूर अकेले रहे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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