Govardhan Puja 2025: बीते दिन यानी 22 अक्टूबर, बुधवार को देशभर में भक्ति और उत्साह के साथ गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया. लोगों ने अपने घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की. यह पूजा प्रकृति, गाय और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक मानी जाती है. हालांकि, पूजा खत्म होने के बाद अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अब बचे हुए गोबर का क्या करें? इसे फेंकना उचित नहीं माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं, आप इसका सही तरीके से कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
गोवर्धन पूजा के बाद गोबर से क्या करें?
पौधों के लिए खाद बनाएंसबसे पहला तरीका है कि आप इससे पौधों के लिए खाद बना लें. गाय का गोबर प्राकृतिक खाद के रूप में बहुत फायदेमंद होता है. पूजा के बाद बचे हुए गोबर को आप किसी गमले या बगीचे की मिट्टी में मिलाकर रख दें. यह पौधों की जड़ों को पोषण देता है और मिट्टी की गुणवत्ता भी बढ़ाता है. इससे पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है और केमिकल फर्टिलाइजर की जरूरत कम पड़ती है.
धार्मिक स्थलों या गौशालाओं को देंअगर आपके पास ज्यादा गोबर बच गया है, तो इसे नजदीकी गौशाला या मंदिर में दान कर दें. वहां इसका उपयोग पूजा या गायों के रहने के स्थान की लिपाई में किया जाता है. इसके अलावा कई जगहों पर गोबर से बायोगैस भी बनती है. यह गैस खाना पकाने या बिजली उत्पादन में काम आती है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और ऊर्जा की बचत भी होती है.
मच्छर-मक्खी भगाने के लिए करें इस्तेमालगोबर को सुखाकर जलाने से निकलने वाला धुआं मच्छर और कीड़े-मकोड़ों को दूर करता है. इसे घर के आसपास जलाने से हवा भी शुद्ध होती है.
कीटनाशक बनाएंगोबर में मौजूद तत्व फसलों को कीटों से बचाने में मदद करते हैं. इसे पानी में घोलकर पौधों पर छिड़का जा सकता है. यह पूरी तरह प्राकृतिक कीटनाशक है जो मिट्टी को नुकसान नहीं पहुंचाता है.
आंगन की लिपाई करेंग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आंगन में गोबर और मिट्टी का लेप लगाया जाता है. यह घर को ठंडा रखता है और नमी से भी बचाता है.
उपले बनाकर रखेंइन सब से अलग अगर गोबर ज्यादा बच गया है, तो उससे आप उपले भी बना सकते हैं. इन्हें धूप में सूखाकर आप ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. गांवों में आज भी गोबर के उपले चूल्हे पर खाना बनाने, धार्मिक कार्यों या हवन के लिए काम आते हैं.
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