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This Article is From Apr 23, 2024

किस हार्मोन की कमी से रात में नहीं आती है नींद, जानिए गहरी निद्रा में सोने के लिए क्या करना चाहिए

अगर आपको भी रात-रातभर नींद नहीं आती है और आप बस करवटें बदलते रह जाते हैं तो हो सकता है कि शरीर में इस एक हार्मोन की कमी हो गई है. इस हार्मोन के बारे में जानिए यहां.

किस हार्मोन की कमी से रात में नहीं आती है नींद, जानिए गहरी निद्रा में सोने के लिए क्या करना चाहिए
नींद को प्रभावित करती है इस हार्मोन की कमी.

Sleeplessness: कई बार व्यक्ति बिस्तर पर लेटता तो है लेकिन चैन से सो नहीं पाता. पूरी रात कभी इस तरफ से करवट बदलता है तो कभी उस तरफ करवट लेता है. इस नींद की कमी की बड़ी वजह मेलाटोनिन हार्मोन की कमी हो सकती है. मेलाटॉनिन स्लीप हार्मोन (Sleep Hormone) होता है जो नींद को रेग्यूलेट करता है और इसकी कमी से नींद ना आने की दिक्कत हो जाती है. मेलाटोनिन (Melatonin) दिमाग के पिनिअल ग्लैंड से प्रोड्यूस होता है. इसका प्रोडक्शन सबसे ज्यादा रात के समय होता है और सबसे कम दिन में. वहीं, पिनिअल ग्लैंड अंधेरे से ही ट्रिगर होता है. 

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मेलाटॉनिन की कमी के लक्षण | Melatonin Deficiency Symptoms 

जिन लोगों में मेलाटोनिन के लो लेवल्स होते हैं यानी मेलाटोनिन की कमी होने लगती है उन्हें दिन के समय नींद आती है और थकान महसूस होती है और रात के समय सोने में दिक्कत होने लगती है. इससे प्रोडक्टिविटी में भी कमी देखने को मिलती है और व्यक्ति एक्टिव महसूस नहीं करता, ना ही ठीक तरह से ध्यानकेंद्रित कर पाता है. 

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मेलाटॉनिन की कमी से शरीर में कई जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स की कमी भी हो सकती है. एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं. ऐसे में यदि एंटी-ऑक्सीडेंट्स की कमी होने लगे तो शरीर कई तरह की बीमारियों का घर बनने लगता है. 

नींद की कमी होने पर त्वचा भी प्रभावित होती है. इससे आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स नजर आने लगते हैं. वहीं, मेलाटोनिन की कमी से शरीर कई तरह से प्रभावित हो सकता है, ऐसे में एजिंग की प्रक्रिया बढ़ सकती है और त्वचा पर भी एजिंग साइंस (Aging Signs) दिख सकते हैं. 

मेलाटोनिन की कमी इंसोमनिया (Insomnia) यानी नींद ना आने की बीमारी की वजह बन सकती है. इसकी कमी से एंजाइटी महसूस हो सकती है, वजन बढ़ सकता है और मेटाबॉलिक डिसोर्डर हो सकते हैं. 

नींद की कमी कैसे होगी दूर 

मेलाटॉनिन हार्मोन की कमी को दूर करने के लिए चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है. इसके अतिरिक्त रात में सोने से 2 घंटे पहले तक कुछ ना खाएं. अपने फोन का इस्तेमाल करते हुए भी सोने की कोशिश ना करें बल्कि फोन को अलग रखकर सोएं. कोशिश करें कि दिन में चाहे कितनी ही थकान महसूस हो लेकिन आप दिन में नींद ना लें और सीधा रात में ही सोएं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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