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Parenting Tips: बच्चे तो हर घर में होते हैं और उनकी परवरिश (Upbriging) करना किसी भी पेरेंट के लिए आसान नहीं होता है. देखा जाए तो हर बच्चा (Kids) अलग अलग है,उसका स्वभाव भी अलग होता है और उसकी सोच भी अलग होती है. ऐसे में सभी बच्चों को एक तरह से ट्रीट करना भी सही नहीं हो सकता है. ऐसे में आध्यात्मिक गुरु बीके शिवानी (BK Shivani) ने पेरेंट्स को सलाह दी है कि वो बच्चे के स्वभाव, उसके व्यक्तित्व को समझ कर उससे बात करें, वरना उनकी परवरिश बेकार हो सकती है. चलिए जानते हैं इस बारे में सब कुछ.
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डरपोक बच्चे को उत्साहित करना चाहिए | Parents should be encourage their child
बीके शिवानी ने एक स्पीच में कहा कि बच्चे के गुण अलग अलग होते हैं. कुछ बच्चे निडर और साहसी होते हैं तो कुछ बच्चे कोमल और डरपोक भी होते हैं. बच्चे का डरपोक होना उसकी खुद की कमजोरी नहीं है, ये पूर्व जन्म के कारण भी हो सकता है. ऐसे बच्चे के साथ मां बाप को अलग तरह से पेश आना चाहिए. शिवानी ने कहा कि ऐसे बच्चे के साथ मां बाप को हिम्मत दिखाना चाहिए और बच्चे का आत्मविश्वास जगाना चाहिए. मां बाप को बच्चे से कहना चाहिए कि तुम जैसा बहादुर कोई नहीं है,तुम कुछ भी कर सकते हो. जब बच्चा मां बाप के मुंह से ये सुनता है तो वो वाकई उत्साहित होता है और उसके अंदर का डर खत्म हो जाता है. ऐसे बच्चे आगे जाकर बहुत कुछ करते हैं.
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जब बच्चे को हतोत्साहित करते हैं मां बाप | when parents discourage their own kids
बीके शिवानी ने कहा कि कुछ मां बाप बच्चे को डरपोक बना देते हैं. बच्चा अगर कोई काम करता है तो मां बाप टोकते हैं, तुम रहने ही दो, तुम से नहीं होगा, तुम्हारे करने से और बिगड़ जाएगा. ऐसा बच्चा अगर साहसी भी है तो वो डरपोक बन जाएगा. दरअसल मां बाप की सोच बच्चे की परवरिश पर हावी पड़ जाती है. ऐसे में बार बार एक ही बात बोलने पर बच्चा ना चाहकर भी वैसा बन जाता है. इसलिए मां बाप को बच्चे के प्रति सकारात्मक रहना चाहिए. उसे बताएं कि वो बहुत कुछ कर सकता है, इससे बच्चा उत्साहित होगा और आगे जाकर वो महान काम भी कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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