
Parenting Tips: अक्सर देखा जाता है कि कई बच्चे जन्म के समय शरीर पर हल्के-फुल्के बालों के साथ पैदा होते हैं. यह बाल ज्यादातर चेहरे, कंधों, पीठ या माथे पर दिखाई देते हैं. कई घरों में परंपरा के तौर पर इन बालों को हटाने के लिए आटे की लोई, बेसन या शहद रगड़ने का तरीका अपनाया जाता है. लेकिन क्या यह तरीका सही है? इस बारे में पीडियाट्रिशियन निमिशा अरोड़ा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. आइए जानते हैं इसपर डॉक्टर की राय-
कितना सही है ऐसा करना?
डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, बच्चे के शरीर पर जो बाल जन्म के समय नजर आते हैं, वे मां के गर्भ में ही बनते हैं. इनका काम बच्चे की नाजुक त्वचा को सुरक्षित रखना और उसमें नमी बनाए रखना है. यह बाल कोई गंदगी नहीं होते, बल्कि बच्चे की स्किन का नेचुरल हिस्सा हैं. जन्म के बाद ये बाल कुछ हफ्तों या महीनों में अपने आप झड़ जाते हैं. इसलिए इन्हें हटाने के लिए किसी तरह के घरेलू नुस्खे अपनाने की जरूरत नहीं है.
आटे की लोई, बेसन या शहद जैसी चीजें बच्चे की नाजुक त्वचा पर रगड़ने से उल्टा नुकसान हो सकता है. बच्चे की स्किन बहुत पतली और संवेदनशील होती है, ऐसे में ज्यादा रगड़ने से लालिमा, रैशेज या इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए इन पुराने तरीकों से बचना बेहतर है.
कैसे करें स्किन की देखभाल?डॉ. अरोड़ा आगे कहती हैं कि बच्चे की स्किन की सही देखभाल के लिए जेंटल मसाज करना सबसे अच्छा तरीका है. इसके लिए तेल से हल्के हाथों से मालिश करें. इससे बच्चे की स्किन सॉफ्ट रहेगी और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होगा. इसके अलावा बच्चे को साफ-सुथरा रखें. बच्चे के शरीर पर जन्म के समय आने वाले बाल बिल्कुल सामान्य हैं और यह कुछ समय बाद खुद ही झड़ जाते हैं. अगर बालों या स्किन को लेकर कोई चिंता हो, तो डॉक्टर से सलाह लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं